जब 77 वी बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाएगा, तब जैन संस्कृति की विरासत के कुछ आंसू भी गिरेंगे, सिसकने के,अभी तक गिरनार जी में पांचवी टॉक का रोना रो रहे थे, अब तो सब कुछ बदल दिया, हम दावा करते रहे और वो बदलते रहे

0
646

12 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण एकादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन / EXCLUSIVE

वैसे विश्वास तो नहीं होता कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा भी हो सकता है । जब 77 वी बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाएगा, तब जैन संस्कृति की विरासत के कुछ आंसू भी गिरेंगे, सिसकने के।
पहले सातवीं आठवीं सदी में जब सत्ता ही जैनों के विरोध में हो गई, तो खूब बदलाव किया, हत्याएं की गई, धर्म बदलने के लिए तलवार की नोक का सहारा लिया।

फिर उसके बाद, बाहर से आए मुसलमान सत्ताखोरों ने धार्मिक आस्थाओं पर चोट की, बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया। धार्मिक ग्रंथो को होली जलाकर, पकवान बनाए और यह होली 66 माह जलती रही। उसके बाद पुर्तगालियों ने भी नहीं बख्शा, एक पादरी, जिसके नाम आज देश में सैकड़ों स्कूल है, उसने जो उत्पात मचाया, उससे गोवा का इतिहास , आज भी लाल पड़ा हुआ है

और अब आजादी के 75 साल बाद भी, वही आलम दोहराया जा रहा है , जैसे प्रधानमंत्री बाहर से चीतों को लाए और उनके सामने भारत के हिरणों को परोसा जा रहा है। वैसे ही सत्ता के इधर खेल में , हमारे तीर्थों को, दूसरे के सामने भी जैसे परोसा जा रहा है , हड़पा जा रहा है , बदला जा रहा है और उसमें एक बहुत बड़ा नाम है गिरनार जी ।

जहां से 22 वें तीर्थंकर श्री नेमीनाथ जी, उनके साथ महामुनिराज अनिरुद्ध कुमार, शंभू कुमार व प्रद्युमन कुमार, जिनका श्रीकृष्ण जी के साथ बहुत नजदीकी रिश्ता रहा, फिर भी उन सबको ताक पर रख दिया, केवल वोटो के लिए, खोपड़ियां गिनने के लिए ।

आज गिरनार में जब पांचवी टोंक के लिए जैन समाज रोना रो रहा है और कमेटीया दावा कर रही हैं कि हम दूसरी टोंक पर और वही एक कमेटी कहती है हम चौथी टोंक पर जोरशोर से कार्य कर रहे हैं , तब वहां की हकीकत क्या कहती है? यह आज समाज से छिपा हुआ है, लेकिन आचार्य श्री सुनील सागर जी मुनिराज ने ऋषभ विहार, दिल्ली में धर्म सभा में जो खुलासा किया, वह चौंकाने वाला है। चैनल महालक्ष्मी, रविवार 13 अगस्त को, रात्रि 8:00 बजे, उन सब का खुलासा करेगा। पांचों टोंकों के बारे में, अतीत और वर्तमान के चित्रों के साथ, जैन समाज के सामने वह दृश्य उपस्थित करेगा कि सच्चाई क्या है?

क्या जैन समाज को हकीकत से अलग कुछ बताया जाता है ?

हकीकत कुछ और होती है और बताते कुछ है पूरा खुलासा, दूसरी, तीसरी , चौथी व पांचवीं टोक, जो आपने शायद अब तक नहीं जाना होगा और जिसको हर जैन को जानना चाहिए।

गिरनार का पूरा सच, देखिएगा जरुर, रविवार, 13 अगस्त, रात्रि 8:00 बजे, चैनल महालक्ष्मी यूट्यूब पर, एपिसोड नंबर 2047