अतिशय क्षेत्र गिरार जिला ललितपुर मे. चरबाहा प्रतिदिन बकरी चराने के लिए धशान नदी पर जाता था, वह प्रतिदिन की भांति अपनी बकरियां चरा रहा था, इसी दौरान उसे नदी में कुछ दिखाई दिया, उसने उसे निकाला तो वह एक प्रतिमा का रूप उसे प्राप्त हुआ…
उसने समाज के सभी जन एवं कमेटी के पदाधिकारियों को बताया कि जैसे ही उसे प्रतिमा प्राप्त हुई. वह समझ नहीं पाया कि अब मैं क्या करूं. और फिर उसने समाज के लोगों को सूचित किया.
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बरायठा, मडावरा, गिरार की समाज के मध्य, एवं कमेटी वालों के लिए उन्होंने प्रतिमा को सौंप दिया, तथा चिन्ह को देखते हुए यह प्रतिमा 1513 शांतिनाथ भगवान की है,, एवं प्रतिमा जी दर्शन हेतु मंदिर जी में रखी गई है,
कमेटी महामंत्री श्री अभिषेक जैन मड़ावरा और संयुक्त मंत्री श्री प्रदीप जैन मड़ावरा ने बताया कि चरवाहे ने समाज के प्रमुखजन एवं गिरार कमेटी के पदाधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी और बताया कि उसे नदी में प्रतिमा प्राप्त हुई है। इसके बाद उसने बरायठा, मडावरा, गिरार की समाज के मध्य अतिशय क्षेत्र गिरार कमेटी वालों के लिए प्रतिमा को सौंप दिया। गिरार थाने में भी इसकी सूचना दर्ज करा दी गई है। प्रतिमा पीतल की धातु की है और लगभग 9 इंची लंबाई है। मूर्ति के पीछे एक प्रशस्ति भी अंकित है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि यह शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा है।
श्री 1008 शांतिनाथ भगवान के धसान नदी से प्रकट होने की सूचना प्राप्त होने पर अतिशय क्षेत्र गिरार गिरी जी में दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है..