01 जनवरी 2025/ पौष शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
ये देख रहे हैं, बेटे अरिहंत जैन को अपने मां-बाप अश्वनी और पियूष अमृत के साथ। जब अरिहंत मां के गर्भ में 5 माह की ही था, तब श्रेष्ठ डॉक्टरों ने रिपोर्ट्स व मेडिकल जांचों के बाद कहा था, इस बच्चे का मस्तिष्क विकसित नहीं हो रहा है, आप गर्भपात करवा लो।
गर्भपात नहीं करवाना, बार-बार प्रवचनों में सुनते और भगवान व गुरुओं पर प्रगाढ़ श्रद्धा है, इसलिए मां-बाप ने गर्भपात से मना करते, तो डॉक्टर समझाते कि अनपढ़ लोग भी समझ लेते हैं और आप इतने पढ़े-लिखे होकर भी नहीं समझ रहे। अपनी अंध श्रद्धा को छोड़ो, कहां की बात कर रहे हो। पर मां ने दृढ़ता के साथ गर्भपात से इन्कार कर दिया, तो गुस्से में डॉक्टर ने बच्चे की फाइल ही उठाकर फेंक दी।
मां ने जमीन से फाइल उठाकर कहा – डॉक्टर साहब, इसे मैं नहीं, आदिनाथजी संभालेंगे, वह दिन और आज 10 माह से भक्तामर हीलिंग में चमत्कार हो गया।
आज बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। किसका है यह चमत्कार, आज की डॉक्टरी का या फिर अटूट श्रद्धा का!