G20 में जैन धर्म के साथ खेला हो गया,मोदीजी, अपनी लकीर बड़ी दिखाने के लिए ,दूसरी लकीर को छोटा कर दिया, इतिहास को कोरा कर दिया

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15 सितम्बर 2022/ भाद्रपद कृष्ण अमावस /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /शरद जैन/EXCLUSIVE
वैसे तो जी-20 के आयोजन से, पूरे विश्व में, भारत का एक बार फिर डंका बज गया। भरत चक्रवर्ती , चंद्रगुप्त, अशोक, खारवेल इत्यादि राजाओं ने जो भारत का नाम गर्व से दुनिया में ऊंचा किया था, आज एक बार फिर, आजादी के 77 साल बाद, वह गौरव कायम किया । पर, कई बार अच्छाई के पीछे ,बहुत बड़ी बुराई को भी करा जाता है।

इतिहास को अपनी मर्जी से दिखाया जाता है । राजा का कर्तव्य होता है कि अपनी संस्कृति, अतीत, इतिहास को उसी रूप से रखें, क्योंकि जिसकी संस्कृति सही होती है , वही उस देश के विकास की नींव होती है।

पर ऐसा क्यों हुआ कि अपनी ऊंचाई दिखाने के लिए, इतिहास को नीचे कर दिया, उन पन्नों को मिटा दिया, जो हमारे अतीत को गौरवान्वित करते हैं। जी20 में आए हुए सभी राज अध्यक्ष, राजनायको तथा विश्व भर में भारत को ,द मदर ऑफ डेमोक्रेसी, यानी लोकतंत्र की माता के रूप में प्रतिभाषित किया और इसके लिए भारत के प्राचीन गौरवमय इतिहास को, 16 पेज की एक बुकलेट बनाकर सब में वितरित किया। यानी भारत के इतिहास को नए रूप से लिखा, जो इतिहासकारों से लिखा गया, उस से बिल्कुल अलग रहा ।

इसमें वैदिक परंपरा को 6500 ईसा पूर्व दिखाया गया और जैन धर्म की शुरुआत एक जगह सातवीं सदी में, एक जगह 650 ईसा पूर्व और एक जगह 450 ईसा पूर्व करके उसके सारे इतिहास को लगभग मिटा कर रख दिया।उन्होंने खत्म कर दिए कि जैन धर्म में कोई 23 तीर्थंकर भी हुआ करते थे । उन्होंने शुरू कर दिया इतिहास महावीर स्वामी से ।

क्या गजब की बात है? हमारे इतिहासकारों को, अतीत को, संस्कृति को, श्रमण संस्कृति को मिटाने की यह चाल , सरकार की ओर से कहीं शोभा नहीं देती । कैसे किया ? कहां किया ? कब किया? क्यों किया? अपने सब सवालों के जवाब चैनल महालक्ष्मी, आज शुक्रवार, 15सितंबर, रात्रि 8:00 बजे के एपिसोड नंबर 2113 में देगा। सचमुच आज हर ओर से जैन धर्म, जैन संस्कृति पर हमले बोले जा रहे हैं और हम अपनी कायरता को छोड़ नहीं पा रहे हैं, डरपोकपना को छोड़ नहीं पा रहे हैं ।

इस बारे में आचार्य श्री सुनील सागर जी महामुनिराज ने भी ऋषभ विहार धर्म सभा में क्या कहा वह भी जानिए।अरे इस यज्ञ में आहुति देने के लिए हमें तैयार होना पड़ेगा ।

अपने धर्म की रक्षा के लिए, संस्कृति की सुरक्षा के लिए , चल अचल तीर्थ की सुरक्षा के लिए। दिखेगा आज फिर, किस तरीके से जी-20 राजनायकों के सामने , किस तरह जैन धर्म को गौण कर दिया। सिर्फ अपना नाम ऊंचा करने के लिए, पूरे इतिहास को गायब कर दिया।