करुणा और दया का भाव प्रकट करने के लिए क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय क्षमा दिवस घोषित किया जाये

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भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने की अपील की है | तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री संतोष जैन (पेंढारी) ने क्षमा के महत्व की गरिमा का वर्णन करते हुए पत्र में लिखा है कि आज पूरे देश में अराजकता एवं अशांति का माहौल है, लोगों की शांति एवं चैन बुरी तरह प्रभावित है।

शास्त्रों में लिखा है क्षमा वीरस्य भूषणं अर्थात क्षमा वीरो का आभूषण है। क्षमा की भावना से ही व्यक्ति ऊंचा उठता है और शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। आपसी प्रेम एवं विश्वास की कमी को पूर्ण करने के लिए जाने अनजाने में हुई भूलों की क्षमा मांगने का यह पर्व हमें अवसर देता है।

जिस तरह से भारत का योग दिवस आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जा रहा है ठीक उसी प्रकार हमारी संस्कृति के अनुरूप करुणा और दया का भाव प्रकट करने के लिए इसे राष्ट्रीय क्षमा दिवस के रूप में अविलंब घोषित करने की हम विनम्र अपील करते हैं। कोई भी देश ऐसा नहीं होगा जो राष्ट्रीय क्षमा दिवस (FORGIVENESS DAY) को स्वीकार नहीं करेगा ।

आपको बतादें की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन में “मिक्षामि दुक्कड़म” का उच्चारण कर सभी से क्षमा याचना भी की थी एवं विज्ञान भवन के उद्याटन में भी जैन संस्कृति के क्षमावाणी पर्व के महत्त्व का वर्णन किया था ।