92 वर्षीया आर्यिका दुर्लभ मति माताजी यम सल्लेखना का 14वा दिन-16 उपवास : 40 साधुओंका सानिध्य और उनका उपदेश

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गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजीसे दीक्षित और वात्सल्यवारिधी आचार्य श्री वर्द्धमान सागरजीके निर्यापकत्व में बहुत ही बढ़िया क्षपकोत्तमा आर्यिका दुर्लभ मती माताजी अपना सल्लेखना साध रहि है आज 4 – 10 – 2021 को यम सल्लेखनाका 14 वा दिवस 14 उपवास और पहले अनंतचौदसका उपवास किया दुसरे दिन आहार लेने नहीं आया ऐसे 2 उपवास कुल मिलाकर आज 16 उपवास हुए ।

परिणाम कितने शांत है, कोई आकुलता नहीं है रोजाना भगवान का अभिषेक देखना गुरु भक्ति करना सभी क्रिंयांए बराबर चालु है भगवान ऐसि शक्ति दे अंतिम समय तक सब चलता रहे और सभी लोग यही भावना भाए शांति से भगवान नामस्मरण करते हुए समाधि मरण हो ।

क्षपकोत्तमा माताजी की सजगता तन्मयता एकाग्रता चेहरे का दिव्य तेज देखिए आचार्य श्री स्वयम तथा संघ के सभी साधु माताजी को संबोधन दे रहे है ऐसा लगता है कि वर्षा काल मे कोथली में वात्सल्य के सागर से वात्सल्य की अनुपम वर्षा हो रही है सच मे बहुत ही अद्युत पल है क्षण है

आज 16 वा उपवास क्षपकोत्तमा दुर्लभमती माताजी अभिषेक देखरही है परम पूज्य 108 आचार्य वर्धमानसागरजी के सानिध्य में- 4-10 – 2021 कितवा पुण्य है 40 साधुओंका सानिध्य और उनका उपदेश सेवा बहुत कुछ मिला ए सब पुण्य साधु संतोकि सेवा का फल ही है , हम शास्त्र में सुनते थे कि अभि किया हुआ आगे फल मिलेगा परंतु इनको देखने के बाद एसा प्रतीत होता है कि अभि किया हुआ पुण्य अभी मिलेगा, परिणाम, बोलि और उनका शरीर बहुत ही बढिया है. ऐसा ही अंतिम समयतक बना रहे.