अद्भुत, क्या ये कोई चमत्कार है पहली बार हो रहा है ऐसी यम सल्लेखना , धन्य हैं निर्यापाकचार्य और आर्यिका श्री दुर्लभ मति जी

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तेरी छत्र छाया भगवन मेरे सिर पर हो मेरा अंतिम मरण समाधि तेरे दर पर हो
संयोग देखिए कि गृहस्थ अवस्था मे 12 जून 2015 को 12 वर्ष की नियम सल्लेखना आर्यिका श्री सरस्वती मति जी से कोथली में ली

19 उपवास की कठोर तपस्या
92 वर्ष की उम्र में 19 दिन का उपवास संभवत पहली साधना है

19वा उपवास पूर्व के 2 सहित आज 19 वा उपवास

आज क्षपकोत्तमा पूज्य आर्यिका श्री दुर्लभ मति जी का
वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी स्वयम संबोधन दे रहे है
क्षपकोत्तमा माताजी की सजगता तन्मयता एकाग्रता चेहरे का दिव्य तेज देखिए, आचार्य श्री स्वयम तथा संघ के सभी साधु माताजी को संबोधन दे रहे है, ऐसा लगता है कि वर्षा काल मे कोथली में वात्सल्य के सागर से वात्सल्य की अनुपम वर्षा हो रही है, सच मे बहुत ही अद्युत पल है क्षण है

सौभाग्य ने बुलाया है
प्रथमाचार्य आचार्य श्री शांति सागर जी आचार्य श्री पाय सागर जी आचार्य श्री जय कीर्ति सागर जी आचार्य श्री देश भूषण जी आचार्य श्री सुबल सागर जी आचार्य श्री वर दत्त सागर जी की शिष्या गणनी आर्यिका श्री सरस्वती मति जी की शिष्या आर्यिका श्री दुर्लभ मति जी है जिन्होंने 29 जुलाई 2021 को कोथली में दीक्षा ग्रहण की है