15 मार्च/फाल्गुन शुक्ल द्वादिशि /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
परम् पूज्य आचार्य रत्न आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री दुर्लभ सागर जी महाराज,परमपूज्य मुनि श्री सन्धान सागर जी महाराज के परम सानिध्य में प्राकृतिक सौंदर्यता की मध्य गगन चुम्बी जिन मंदिरों से सुशोभित विशाल पर्वत पर अतिशयकारी त्रिकाल चौबीसी मन्दिर में दिनांक 12 मार्च से 18 मार्च 2022 तक संत शिरामणि युग श्रेष्ठ 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के स्वास्थ्य लाभ हेतु किये जा रहा सिद्धचक्र विधान संस्कृत मे चल रहा है।
विधान में अति उत्साह से भक्त गण बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। विधान में 125 से आधिक इंद्र इंद्राणी पूजन विधान कर रहे है। विधान में क्षेत्रीय समाज मुख्य रूप से बड़ामलहरा ,भगवां, घुवारा की जैन समाज भाग ले रही है। इसके अलावा अनेक ग्रामों बक्स्वाहा, मुंगवारी,वर्मा, सिमरिया, बड़ागाँव,हटा,वटयागढ़,मंडी वामोरा आदि ग्रामो एवं विभिन्न नगरों से हजारों की संख्या में भक्तगण विधान में सामिल हो रहे हैं।
पूज्य द्वय मुनि महराज श्री के वात्सल्य भाव, एवं उनकी ज्ञान,एवं तप ,साधना से अल्प समय मे ही समाज पर इतना प्रभाव पड़ा है की चारों ओर उत्साह का माहौल बना हुआ है।
रात्रि कालीन आरती शाम 7 बजे होती है इसमें में भी ग्रामो के भक्त गण सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लोगों में भारी उत्साह है।
धर्म की बहुत ही अच्छी प्रभावना चल रही है।
आप सभी सपरिवार इष्ट मित्रों सहित पधारें ।
आवास भोजन कि भी समुचित व्यवस्था है।
भागचन्द जैन “पीलीदुकान”, मंत्री-द्रोणगिरि कार्यकारणी समिति