यहाँ हमारे दिगम्बर संतो की चर्यो को शत शत नमन।अभी पुरे भारत मे शर्दी का प्रकोप जारी है ,सर्दी भी इतनी की घर के बहार निकलने मे भी कई बार सोचना पड़ता है ।हर जगह शीत लहर जारी है सब जगह पाला पड़ रहा है और कोहरे ने पूरे माहौल मे धुंध पहेला रखी हे ।कई जगह तो तापमान 2 या 4 डिग्री हे ।
इतनी सर्दी मे हमारे पूजनीय संत, महाराज ,आचार्य ,माता जी आदि कैसे रहते होंगे कभी सोचा है आप ने ।हमारे महाराज को इन सर्दी मे एक पल जरूर निहारना की वो कैसे दिगम्बर अवस्था मे भी कैसे रहते है ।,कैसे वो सुबह जल्दी भोर होने से पहले उठ कर सोच के लिए जाते हे ।तन पर एक भी कपडा नहीं ,सर्दी से बचाव के लिए कोई हीटर नहीं ,कोई आग का अलाव का इस्तेमाल नहीं ,कोई स्वेटर जैकेट नहीं ,कोई पाँव मे मोज़े आदि नहीं फिर भी वो हम से अधिक स्वस्थ हे ।
सर्दी क्या होती है यह हमारे महाराजो को पता नहीं ।वो इतनी साध्ना करते हे की सर्दी का नामो निशान नहीं ।इतना तप करते हे की सर्दी को खुद महाराज को देखकर सर्दी लग जाती है ।ऐसे संतो को मेरा कोसिनोक जैन की और से शत शत नमन।
रात को हम इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट ,रजाई ,हीटर लगा कर सोते हे पर हमारे संत मात्र एक चटाई ओड़ कर कुछ पल के लिए विश्राम करते हे ।आज मैंने यह लेख इस लिए लिखा क्यों की आप और मै पूर्ण रूप से सुख सुविधा सम्पन हे हम एक पल भी इतनी सर्दी मे बिना गर्म वस्त्र के नहीं रह सकते ,बिना चप्पल नहीं रह सकते पर एक बार इतनी सर्दी मे आप केवल 15 मिनट शाम को केवल एक मात्र शर्ट पेंट मे रह कर देखो मालूम पड़ जाएगा ।
केवल और केवल दिगम्बर जैन समाज की चर्यो को देख कर सब दांतो तले उंगली दबा लेते है।आज जब संतो का इतनी सर्दी मे विहार होता है तब लगता है जैन संत की चर्या सब से उत्तम है खुद डिस्कवरी चैनल वाले भी भारत आये और आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज और पूरे संघ को देखा तो उन को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ ।
पूरी टीम हेड माइकल ने बोला की यह दुनिया का आठवां अजूबा हे ।कोई कैसे रह सकता है इतनी सर्दी और गर्मी मे वो भी दिगम्बर अवस्था मे।यहाँ तक 2006 की guiness book ऑफ़ द world record मे दिगम्बर संतो के बारे मे लेख था जिस मे साफ साफ लिखा था कि यह अपने आप मे प्रकृति को चैलेंज हे ।जैन समाज के संत इन सब से उप्पर हे ।
कोसिनोक जैन,कुमार कुटीर गंज अजमेर मोबाइल 9828053399