दिगंबर जैन साधू नग्न रहते हैं क्योंकि वो अपरिग्रह महाव्रत का पालन करते हुए अपने पास एक कपडा भी नहीं रखते। वो नग्न रहकर ठण्ड, बरसात आदि मौसम को भी सहन करते हैं
दिगंबर जैन साधू अपने पास केवल पिच्छी (मोर पंख से बनती है जो चींटी आदि कीड़ों को अहिंसा पूर्वक हटाने का उपकरण है), कमंडल (शौच के लिए पानी रखने का उपकरण) और शास्त्र रखते हैं। इसके अलावा दिगंबर जैन साधू अपने पास कोई भी वस्तु अथवा पैसे आदि नहीं रखते हैं
दिगंबर जैन साधू पैरों में चप्पल जूते आदि कुछ भी नहीं पहनते चाहे काँटे ही क्यों न लगे, चाहे पैरों में चल चल कर छाले ही क्यों न हो जाए वो धुप में तपती सड़कों पर नंगे पाँव ही चलते है और जीवन भर नंगे पाँव ही चलते हैं
दिगम्बर जैन साधू अपने सर और दाढ़ी के बाल हर २ से ४ महीनों में स्वयं के हाथों से पूरे उखाड़ देते हैं क्योंकि वो कैची आदि नहीं रख सकते। बाल इसलिए उखाड़ते हैं क्योंकि बालों आदि में जीव उत्पन्न न हो उनकी हिंसा न हो
दिगम्बर जैन साधू २४ घंटे में एक वक़्त दिन में खड़े होकर अपने हाथों में आहार (भोजन) लेते है जो जैन समाज उनको देती है
दिगम्बर जैन साधू जिंदगी भर वाहन का प्रयोग नहीं करते और हर जगह पैदल ही विहार करते हैं
दिगम्बर जैन साधू सोने के लिए तकिया, गद्दी, चद्दर आदि नहीं लेते वो केवल लकड़ी के तख्ते पर अथवा जमीन पर सोते हैं और ठंडी गर्मी में भी इसी प्रकार सोते हैं
दिगम्बर जैन साधू पंखा, AC, कूलर, हीटर, आदि का इस्तेमाल नहीं करते। उनका खुदका घर, गाड़ी, जमीन आदि कुछ भी नहीं होता।
दिगम्बर जैन साधू एक दिन से लेकर एक महीने तक भी उपवास करते हैं जिसमे वो पानी भी नहीं लेते अथवा कुछ दिन के अंतराल से केवल पानी लेते हैं
दिगम्बर जैन साधू जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन करते है जिसमे वो सभी स्त्रियों से दूर रहते हैं
दिगम्बर जैन साधू अपने जीवन के अंत में समाधी मरण (सल्लेखना) करते हैं जिसमे वो धीरे धीरे भोजन पानी आदि का त्याग करते हैं । समाधी मरण सिर्फ तभी करते हैं जब वृद्ध अवस्था अथवा बीमारी के कारण मरण को टालना असंभव हो जाता है
दिगंबर जैन साधू यह सब कठोर तपस्या केवल अपने कर्म काटने के लिए करते हैं इसलिए आगे से यदि आपको कोई दिगम्बर साधू दिखे तो उनको झुक कर नमस्कार जरूर करना तो आपको भी पुण्य मिलेगा और नमस्कार नहीं कर सको तो कोई बात नहीं आप उनके नग्नत्व के वेश के कारण को समझ कर उनके प्रति अच्छे भाव तो रख ही सकते हैं
ऊपर बताई हुई चर्या दिगंबर जैन साधू अपनी दीक्षा के बाद से पूरे जीवन पर्यन्त करते है इसीलिए जैन समाज में वो पूज्य होते हैं
-सोशल मीडिया पर आई एक पोस्ट से
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