UNBELIEVABLE! फिर हो गया एक चमत्कार, संत की त्याग, तपस्या से और भक्तों के श्रद्धा, अनुष्ठान से, विश्वास करेंगे आप

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27 नवंबर 2022/ मंगसिर शुक्ल चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
क्या कभी पाषाण को, पत्थर को, जुड़ते देखा है। शायद नहीं , पर जब यह बात तीर्थंकर प्रतिमाओं के बारे में कहीं जाए तो, उस चमत्कार से आंखें नम हो जाती हैं , मस्तक श्रद्धा में झुक जाता है । कचनेर की प्रतिमा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है इस बात के लिए।

अब देवलगांवराजा में भी कुछ समय पहले तीर्थंकर नेमिनाथ जी की प्रतिमा खंडित हो गई थी और वहां के समाज को यह मालूम था कि अगर 10 दिन शक्कर और घी मैं इसको रखा जाता है और नवकार मंत्र पढ़ा जाता है, तो प्रतिमा जुड़ जाती है। समाज ने वैसा ही किया। पर प्रतिमा नहीं जुड़ी । लोग हैरान थे, जिस क्रिया को करने से, कई जगह प्रतिमा जुड़ने की बात सामने आई है, वहां क्यों नहीं जुड़ी।

समाज के बुजुर्गों ने कहा कि किसी वरिष्ठ संत के पास जाकर, इसकी चर्चा करें। तब समाज के लोग, उस खंडित प्रतिमा को संदूक में रखकर आचार्य श्री गुप्तिनंदी जी के पास पहुंचे। उन्होंने प्रतिमा को देखा और तब आचार्य श्री गुप्तिनंदी जी के आदेश पर धर्मतीर्थ पर ही में घी के भरे संदूक में , प्रतिमा को रख दिया गया और उसके सामने आचार्य श्री के कहे अनुसार मंत्र और अनुष्ठान जारी रखा गया। कल शनिवार को आचार्य श्री गुप्तिनंदी जी ने, उस घी से भरे, खंडित प्रतिमा के साथ, संदूक को खोलना शुरू किया। पाषाण प्रतिमा को बाहर निकाला और लोग नवकार, पूरी श्रद्धा के साथ जपते रहे । हां, फिर चमत्कार हो गया । जो कुछ दिन पहले नहीं देख पाए थे , अब वह देख रहे थे।

तीर्थंकर नेमिनाथ जी की प्रतिमा खंडित हो गई थी , वह अब जुड़ चुकी थी। यह कैसा चमत्कार है, जब संतो की त्याग, तपस्या , अनुष्ठान, मंत्रों के साथ जुड़ जाती है, तब ऐसे चमत्कार होना आज पंचम काल में भी संभव हो गया है । उसका प्रागट्य महोत्सव मनाया गया।।

इस बारे में वीडियो के साथ पूरी रिपोर्ट चैनल महालक्ष्मी, आप सभी को सोमवार 28 नवंबर के रात्रि 8:00 के एपिसोड में दिखाएगा । विश्वास कीजिए , अनहोनी को होनी कर देते हैं संत, जब उनकी त्याग , तपस्या के साथ फलीभूत हो जाता है और जो नहीं होता , वह भी सामने हो जाता है। जय हो तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की और नमोस्तु आचार्य श्री गुप्तिनंदी जी मुनिराज को।