20 मई : बैसाख शुक्ल अष्टमी : तीर्थंकर श्री धर्मनाथ जी गर्भ कल्याणक

0
1603

रत्नपुरी में महाराजा श्री भानुराज की महारानी श्रीमती सुव्रता के गर्भ में 15वें तीर्थंकर श्री धर्मनाथ जी रेवती नक्षत्र में बैसाख शुक्ल अष्टमी को आये, जो इस वर्ष 20 मई को है।

आपके गर्भ में आने से 6 माह पूर्व सौधर्मेन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने 3.5-3.5 करोड़ रत्नों की वर्षा दिन में तीन पहर शुरू कर दी थी। आपकी आयु दस लाख वर्ष तथा कद 270 फुट (45 धनुष) था।