12 जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल त्रियोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी मुनिराज के कार्यक्रमों में जो भी गए होंगे, उन्होंने उनके प्रवचन से पहले ज्ञान की गंगा बरसाते हुए जिन ब्रह्मचारिणी को देखा होगा, आज वह हमारे बीच में नहीं है।
संत शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री 108 विद्या सागरजी गुरुदेव की प्रथम शिष्या सिद्धांत रत्न ब्रह्मचारिणी सुमन शास्त्री का आज दिनांक 12 जून,2022 की भोर मे सुबह 5:50 पर उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी मुनिराज के श्रीमुख से णमोकार मंत्र सुनते हुए समाधिपूर्वक देवलोक गमन हो गया है, ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री जी उनकी परिचर्या मे अहर्निश तत्पर थी और उन्हें हरपल जागरूक रखा, उन्होंने 11 जून की संध्या मे उपाध्याय श्री के सानिध्य मे चारो प्रकार के आहार का होशो-हवाश मे त्याग कर दिया था,
अब उनके शरीर का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट जमना बाजार दिल्ली मै प्रातः 10:00 बजे किया जाएगा।