2500 वर्ष से भी ज्यादा प्राचीन तीर्थंकर श्री आदिनाथ जी की सराक क्षेत्र के देवेलटांड़ में मंत्रमुग्ध करना वाली अतिशयकारी प्रतिमा

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अतिशयकारी आदिनाथ भगवान प्राचीन दिगंबर जैन मन्दिर देवलटाड इंचागड,सरायकेला खरसावां झारखंड-

जिला सरायकेला में ईचागढ़ विधानसभा स्थित देवल टांड़     ग्राम में दिगंबर जैन मंदिर में ,  आदिनाथ भगवान की यह प्रतिमा अतिशय कारी है इसका दर्शन ही जीवन का उद्धार करने वाला है और सराक ग्रामीणों का इस जगह जन्म है आप भाग्यशाली हैं । विदित हो कि इस ग्राम में 40 जैन परिवार है जो कालांतर में अपने आप को मांझी लिखने लगे ।सन 1920/23 से लेकर सराक क्षेत्र पर विभिन्न त्यागी वर्ती एवं जैन समाज श्रेष्ठयों द्वारा धर्म प्रभावना के नाम से कार्यक्रम हुआ था। फिर बीच में शिथिल हुआ

1982- 83 में पुनः संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा कुछ कार्यक्रम चलाया गया था, परंतु सराक क्षेत्र नहीं अपितु सराक बंधुओं को जैन धर्म के मुख्य धारा में जोड़ने का वास्तविक कार्य करने वाले में दिगंबर गुरु में प्रथम गुरु सराकों के लिए परम पूज्य सराकोद्ररक आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज है। जिन्होंने सराक बंधुओं के हर कुटिया में अपना चरण रज बिखारने के साथ -साथ रोम रोम में स्थापित हो गए हैं। उनके द्वारा दिए गए गुरु मंत्र ही हम सभी को दिगंबर गुरु सम्मान और भक्ति का ओश प्रवाहित किया है।