1984 के बाद दिल्ली की सड़कों पर इतनी अराजकता पहले कभी नहीं दिखी। इसके लिए दोषी कौन? क्या सड़कों पर घूमता स्वच्छंद किसान या फिर उसके नेता दूसरी तरफ पुलिस बल या उसके आला अधिकारी या फिर मूक प्रशासन ? और इस बवाल पर रोटियां सेकते राजनेता। एक प्रश्न चिन्ह सबके सामने हैं। दोषी सड़क पर घूमने वाले किसान को बनाया जाएगा। पर क्या असली दोषी वही है?