सभी जैन साधु -साध्वीओं से विनम्र निवेदन है कि कोरोनावायरस से संबंधित बीमारियों के इलाज के नए-नए कोई भी फार्मूले आप अपने प्रवचन संबोधन में ना दें

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कोरोना एक वैश्विक बीमारी है! जिसके समापन हेतु संपूर्ण विश्व के वैज्ञानिक और चिकित्सक शोध कर रहे हैं! आपके द्वारा दिए गए परंपरागत फार्मूले लोगों की मदद ना करके उनको मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहे हैं ! जैन साधु संतों पर समाज और दुनिया आंख मूंद कर विश्वास करती है, अब जबकि कुछ जैन साधुओं ने अपनी साधना से अलग चिकित्सा में भी अपनी विद्वता दिखाना आजमाना शुरू किया है!

इसके कोई अच्छे परिणाम तो आए नहीं, लेकिन समाज का मजाक जरूर बन रहा है! राष्ट्रीय स्तर पर नवभारत टाइम्स जैसे अखबार और बहुत सारे चैनल पर जैन मुनियों की हंसी उड़ाई जा रही है, जो कि जैन समाज के लिए अत्यंत सोचनीय हो गया है!

फिलहाल यह फैक्ट चेक एक दिगंबर जैन मुनि का आ रहा है, परंतु सभी जैन साधु संतों को और समाज को सजग रहने की आवश्यकता है! क्योंकि देखने में आ रहा है कि दिगंबर मुनियों के साथ-साथ कुछ श्वेतांबर और स्थानकवासी मुनि भी चिकित्सा क्षेत्र में जोर आजमाइश करने में लगे हुए हैं जो कि अत्यंत हास्यास्पद और सोचनीय है! क्षमा चाहता हूं कुछ शब्द कठोर हो गए हो तो !

~ डॉ अमित राय जैन