कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की नई Oral दवा D-2Dg पाउच के रूप में जारी

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कोविड के इलाज के लिए यह ओरल दवा संसार की पहली दवाई है। इसकी खोज DRDO (Defence Research and Development Organisation) के INMAS (Institute of Nuclear Medicine & Allied Sciences) के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई है।

इसका निर्माण प्रसिद्ध भारतीय दावा निर्माता कंपनी Dr. Reddy Laboratries हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है।

आज इस दवाई के 10000 पाउच जारी किए जा रहे हैं।

जून 2021 से इस दवाई के 1 लाख पाउच प्रति सप्ताह उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।

दवा की विशेषताएं:-
1. इस दवा को पानी में घोलकर सुबह शाम लिया जा सकेगा।

2. इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

3. इस दवा को लेने के बाद रोगी की ऑक्सिजन पर निर्भरता दूर हो जाएगी।

4. इस दवा को लेते ही वायरस इसे ग्लूकोज़ समझकर खाना आरंभ कर देगा और इसकी बढ़ोतरी रुक जाएगी।

भारतीय होने के नाते हम सभी भारतीय नागरिकों को धर्म, जाती, पार्टी आदि के स्तर से ऊपर उठकर अपने वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व होना चाहिए।

अपने देश पर भी गर्व होना चाहिए, कि हमारा देश “भारत” ही एकमात्र देश है, जिसने यह पानी में घोलकर पीने वाली दवाई अपने देश में सबसे पहले बनाई।

कई लोग अपने देश की निंदा तो हर समय करते रहते हैं, कभी राजनैतिक संकीर्णवाद से ऊपर उठकर अपने वैज्ञानिकों, अपने स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों की तो प्रशंसा कर ही देनी चाहिए। निश्चित ही हमारा देश आत्मनिर्भर बनने की राह में निरंतर प्रगति कर रहा है।

प्रथम चरण में यह दवा केवल अस्पतालों में ही केवल डॉक्टरों के परामर्श पर ही कोविड रोगियों को दी जाएगी।

यदि बाद में उचित पाया गया तो इस दवा को प्रिवेंटिव दवा के तौर पर स्वस्थ व्यक्तियों को भी कोविड रोकथाम दवा के रूप में खुले बाजार में भी उपलब्ध करवाया जा सकता है।