30 माह से बंद, पावन तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी के वंदना मार्ग में 8 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ने पर आने वाला और पूरे वंदना मार्ग का एकमात्र दिगंबर जैन मंदिर, जहां पर पांच भगवानों की प्रतिमाएं विराजमान है। वह बंद पड़ा है।
क्या इसके पीछे कोई साजिश है? या फिर, जिस ने मंदिर बनवाया ,उसे कोई चिंता नहीं है? या फिर हमारी शिखर जी की कमेटियों में आपस में एकता नहीं है ? या फिर इस मंदिर को बंद रखकर इस को खत्म करने या किसी और के द्वारा खरीदने की साजिश तो नहीं करी जा रही? मंदिर का ताला किसने लगाया ? कब लगाया? क्यों लगाया? और आज देश का पूरा जैन समाज, जो हजारों की संख्या में रोजाना वर्तमान में पावन तीर्थ की वंदना करने जा रहा है ।
क्या वह मूक दर्शक बनकर बनकर बैठा हुआ है? या समाज का मंदिर, समाज के लिए खोला नहीं जाएगा? क्या है इसका रहस्य? और क्या है इसके पीछे का राज ?जो आप देख सुन कर हैरान हो जाएंगे ।कड़वा, पर पूरा सच। इस मंदिर बनाने वाली समिति के संस्थापक और अध्यक्ष से एक्सक्लूसिव साक्षात्कार चैनल महालक्ष्मी से हुआ, जिसे आप शनिवार 13 नवंबर को रात्रि 8:00 बजे यूट्यूब- चैनल महालक्ष्मी पर देख और सुन सकते हैं।
समाज का कोई क्या अहित कर रहा है ? या फिर अपने अपने हर के एजेंडे हैं, जिनके लिए समाज को नुकसान उठाना पड़ रहा है। देखिए जरूर, शनिवार 13 नवंबर, रात्रि 8:00 बजे, यूट्यूब चैनल महालक्ष्मी पर,