आचार्य श्री चंद्रप्रभसागर मुनिराज ससंघ को निज वैराग्य निमित्त पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के दीक्षा उपरांत प्रथम बार दर्शन प्राप्त हुए।
आचार्य श्री 800 किमी का लंबा विहार सर्द ऋतु में करके गुरुदेव की वंदनार्थ नेमावर पधारे है।
द्वय आचार्य संघ सहित कुल 12 पिच्छी नेमावर,मप्र में विराजमान हैं।