ज्ञान कल्याणक के शुभ अवसर पर अतिशय क्षेत्र आवा-भोजन व्यवस्था में 72 मन मिर्ची के डंठल इकट्ठे हो गए थे, घी कम होने पर भट्टारक जी ने मन्त्र पढ़कर कुँए के जल को कढ़ाई में डाला तो वह घी बन गया

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आज तीर्थंकर शांतिनाथ जी के ज्ञान कल्याणक के शुभ अवसर पर दर्शन कीजिए अतिशय क्षेत्र आवा, जिला – टोंक (राजस्थान) जी में स्थित 500 वर्ष प्राचीन श्री शांतिनाथ भगवान जी।

संवत 1593 में यहां पर पंचकल्याणक हुआ था, जिसमें लाखो जैन भक्त शामिल हुए थे। भक्तों की संख्या का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि भोजन व्यवस्था में 72 मन मिर्ची के डंठल इकट्ठे हो गए थे। घी कम होने पर भट्टारक जी ने मन्त्र पढ़कर कुँए के जल को कढ़ाई में डाला तो वह घी बन गया।
क्षेत्र पर सर्वसुविधा युक्त धर्मशाला है।
नजदीकी तीर्थ क्षेत्र सांखना, जहाजपुर, गुणोदय तीर्थ क्षेत्र, बिजोलिया पार्श्वनाथ आदि है।