छोटे से कमरे में विराजमान तीर्थंकर प्रभु जीर्णोद्धार की राह तकता जैन मंदिर बगराना : नूतन के साथ प्राचीन संस्कृति का हो संरक्षण

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जयपुर के कानोता पंचायत का गांव बगराना जो रिंग रोड निर्माण के कारण सुर्खियों में आया है

कल मैं (संजय जैन)बगराना गया था वहां के मंदिर की स्थिति बहुत ही खराब है पूर्ण रूप से जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। मूर्तियां एक छोटे से कमरे में विराजमान कर रखी हैं। लगभग सवा दो सौ साल प्राचीन देवाधिदेव 1008 भगवान शांतिनाथ की मूलनायक प्रतिमा विराजमान है जो बड़ी ही अतिशय कारी व मनोहारी है।

ट्रस्टी और पूजा करने आने वाले श्रावक के मध्य विवाद कोर्ट तक पहुंच चुका है ।उसे समाज के वरिष्ठ जनों द्वारा मिल बैठकर समझाने की आवश्यकता है।

जैन धर्म के पुरातन प्राचीन संस्कृति को सहेजने की बहुत ही महत्वपूर्ण जरूरत है।

उसी कड़ी में बगराना दिगंबर जैन मंदिर के ट्रस्टी श्रीमान उमराव मल जी पाटनी(दरोगा साहब) वर्तमान में उनके पुत्र विनोद जैन उर्फ मीनू पाटनी निवासी हल्दियों का रास्ता एवं श्रावक श्री विजय पाटनी 93524 97877 जो लगभग 30 से भी अधिक वर्षो से पूजन प्रक्षाल करने मन्दिर आते हैं के मध्य सुलह करवाकर मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया जाए।

पूरे वीडियो देखिये YouTube/चैनल महालक्ष्मी , पर 2-01-2022 को प्रातः 8 बजे

नूतन के साथ प्राचीन संस्कृति के संरक्षण की भी है महती आवश्यकता
बुजुर्गों की धरोहर और हमारी प्राचीनता के परिचायक जैन मंदिरों के रखरखाव व जीर्णोद्धार के लिए उठाए आवश्यक कदम
जयपुर का छोटा सा गांव बगराना जहाँ छोटे से कमरे में विराजमान शांति प्रदायक शान्ति नाथ भगवान

जड़ से ही पहचान,उसी का हो संरक्षण,सवंर्धन, जीर्णोद्धार और विकास
पूर्व स्थिति जब वेदी में विराजमान थे जिनेन्द्र प्रभु, वर्तमान में छोटे से कमरे में बिना वेदी के विराजमान

संजय जैन बड़जात्या कामां,राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंत्री जैन पत्रकार महासंघ