12 फरवरी 2025/ माघ शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / शरद जैन /
क्या देश के सर्वोच्च सदन ‘संसद’ में झूठ बोलने की छूट होती है? क्या ऐसा बोलना लोकसभा का असम्मान नहीं। कारण, यहां बोला गया हर वक्तव्य तथ्य बनकर रिकॉर्ड किया जाता है और वही हुआ। क्या आम आदमी को गुमराह करने का अधिकार संसद को पवित्र मानकर शपथ लेने से मिल जाता है। यह तो जैन समाज के हादसे से सम्बंधित था। इसलिये नजर में आ गया। राष्ट्रीय लोकदल के बागपत से सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान जी ने जो लोकसभा में कहा वो पूरी तरह गुमराह करने वाला ही था।
उन्होंने 03 फरवरी 2025 को लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के अंतर्गत सायं 7.10 पर कहा – ‘मेरे बागपत लोकसभा क्षेत्र में जैन सभा का एक धार्मिक आयोजन था, उसमें जैन समाज के कार्यक्रम में लाखों की भीड़ नहीं थी, लेकिन घटना घटी, दस लोगों की जान चली गई, 70-80 लोग घायल हुए और देश की सरकार ने तत्काल उसका संज्ञान लिया, जो घायल लोग थे, उनका बड़े अस्पतालों – दिल्ली में, नोएडा में, गाजियाबाद में, मेरठ में उपचार कराया क्योंकि बागपत जनपद में कोई बड़ा अस्पताल नहीं था और सरकार उसके प्रति गंभीर थी, जिनकी जान चली गई, उन परिवारों के प्रति संवेदनायें व्यक्त की और सरकार ने उनकी आर्थिक मदद करने की भी घोषणा की।’
मृतक परिवार के प्रति संवेदनायें और आर्थिक घोषणा – जी हां, यही वो सफेद झूठ है, जो सर्वोच्च सदन में बोला गया। बिना विरोध के रिकॉर्ड दर्ज हुआ और भविष्य में यह कहा जायेगा कि आर्थिक मदद दी गई। चैनल महालक्ष्मी ने दिल्ली-मुजफ्फरनगर, बड़ौत में इसकी जानकारी ली। हां, डीएम दूसरे दिन बड़ौत के कुछ अस्पतालों में गई और कहा नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। पर तब वहां के अस्पताल शुल्क ले चुके थे। परिवार वाले घायलों को लेकर स्वयें कुछ मुजफ्फरनगर गये, कुछ दिल्ली। रेखा जैन की दिल्ली अस्पताल में 12 दिन बाद भी हालत चिंताजनक है।
दिल्ली के मैक्स हास्पीटल में इलाज कराने आये अतुल जैन से भी बात की। उनके पैर की हड्डी टूटी है, बड़ा आपरेशन हुआ। दो माह बिस्तर पर रहेंगे। उनकी पत्नी के कूल्हे में चार फ्रैक्चर है, 6 माह बिस्तर पर रहेंगी। 30 हजार बड़ौत में देने के बाद, साढ़े तेरह लाख मैक्स हास्पीटल, पटपड़गंज को भुगतान किया। उन्होंने स्पष्ट बताया कि कोई भी सरकार से, या समाज से उनका हाल तक पूछने नहीं आया, मदद की तो दूर की बात है। मृतकों के परिवारों को भी कोई सहायता नहीं मिली।
सांसद महोदय की आर्थिक घोषणा की बात सरासर झूठी है, पूरे देश-विदेश में केवल वाहवाही लूटने की बात, सत्य से पूरे परे। उनका यह कहना कि 10 मर गये, भी गलत है। सात की तब घटनास्थल पर मृत्यु हुई, दो की अब बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हुई। एक तरफ कुंभ के मरने वालों की गिनती आज तक नहीं बताईगई, वहीं जैनों की घटना में बढ़ा कर बताई, बिना तथ्यों की जानकारी के।
और साथ ही, किसी भी अस्पताल से दूसरे अस्पताल, किसी सरकारी मदद से नहीं भेजा गया, उन्हीं के परिजन जगह-जगह लेकर गये और निजी रूप से इलाज करा रहे हैं।
ऐसे वक्तव्य पर वो भी सर्वोच्च सदन में, पूरा झूठ कहने पर, क्या सार्वजनिक माफी मांगते हुए, सत्य तथ्य नहीं बताने चाहिये? साथ ही क्या सरकार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतक परिवारों तथा घायलों के लिये आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं करनी चाहिए? सवाल अनुत्तरित हैं।
इसकी पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3155 में देख सकते हैं।