रामलला जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की तैयारियां जोरों पर हैं। योगी सरकार अयोध्या को नया, सुन्दर, मनमोहक और आर्कषक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इन सबके बीच योगी सरकार, जैन धर्मालम्बियों को एक बड़ा तोहफा देने जा रही है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि जैन परंपरा के सर्वप्रथम तीर्थंकर आदिनाथ (ऋषभदेव जी) सहित अन्य तीर्थंकरों का जन्म इसी पवित्र अयोध्या में ही हुआ था। इन 24 तीर्थंकरों में से 22 इक्ष्वाकु वंश के थे। सरकार अब इन जैन तीर्थंकरों की विरासत को भी रोशन करने जा रही है। प्रथम तीर्थंकर की जन्मभूमि में स्थित मंदिर परिसर में संग्रहालय और प्रेजेंटेशन हाल बनाने का प्रस्ताव है। जिसके लिए योगी सरकार ने 4.43 करोड़ रुपए मंजूर किया है।
अयोध्या में पांच तीर्थंकरों का जन्म:- जैन परंपरा के 24 तीर्थंकरों में से पांच का जन्म अयोध्या में ही हुआ था। तीर्थंकरों में प्रथम ऋषभदेव, दूसरे अजितनाथ, चौथे अभिनंदननाथ, पांचवें सुमतिनाथ एवं 14वें तीर्थंकर अनंतनाथ हैं। प्रथम तीर्थंकर की जन्मभूमि पर आठ एकड़ में विस्तृत विशाल मंदिर है।
योजना पर पहले ही सहमति बन चुकी थी :- जैन मंदिर प्रबंधक मनोज जैन ने बताया कि, सैद्धांतिक तौर पर योजना पर पहले ही सहमति बन चुकी थी। इस योजना के लिए विकास प्राधिकरण शुरुआती सर्वे करा चुका है। गत वर्ष प्रस्ताव मांगने पर कमेटी ने संग्रहालय, प्रेजेंटेशन हाल के साथ-साथ अयोध्या के सभी पांच तीर्थंकरों की जन्मभूमि से जुड़ते मार्गों पर स्वागत द्वार बनाने की मांग की।
संग्रहालय ऋषभदेव दिगंबर जैन मंदिर में स्थापित गर्भगृह के दाहिनी ओर की 15 हजार वर्ग फुट भूमि पर प्रस्तावित है। संग्रहालय में प्राचीन जैन मूर्तियां, विशेष रूप से अयोध्या में पैदा हुए तीर्थंकरों की दुर्लभ प्रतिमाएं, उनसे जुड़े साहित्यिक साक्ष्य और उनके उपदेशों को सहेजे जाने की योजना है।
इस साल के अंत तक कार्य गति पकड़ेगा :- अयोध्या के विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने बताया कि, श्रीराम का ही नहीं पांच जैन तीर्थंकरों का भी जन्म अयोध्या में हुआ था। अयोध्या का विकास भी इस विरासत के अनुरूप होना चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस साल के अंत तक अयोध्या की जैन परंपरा को सज्जित करने का काम पूरी गति पकड़ लेगा