21 मार्च/चैत्र कृष्णा तृतीया /चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
अभी हाल में, ऑस्ट्रेलिया से 29 पूरावशेषों को वापस भारत को सौंप दिया गया, जिनका आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अवलोकन किया
और प्रत्येक प्रतिमा का बारीकी से निरीक्षण कर, उनकी जानकारी प्राप्त की, इसमें कुछ जैन तीर्थंकर प्रतिमाएं भी है। एक बहुत सुंदर परिकर के साथ आकर्षक मुद्रा में जैन तीर्थंकर प्रतिमा है, जिसको प्रधानमंत्री काफी गंभीरता से देखते रहे।
पारिकर वाली १२वी सदी की तीर्थंकर प्रतिमा माउंट आबू से चोरी की गई और बाद में इसको एक करोड़ से अधिक मूल्य पर तस्करी के द्वारा बेचकर विदेश पहुंचा दिया। अब यह ऑस्ट्रेलिया से बरामद होकर ,भारत लौटा दी गई है।
इस प्रतिमा में ऊपर दोनों तरफ पद्मासन तीर्थंकर प्रतिमाएं तथा नीचे की तरफ दोनों खड़गासन तीर्थंकर प्रतिमाएं हैं । वास्तु कला बहुत आकर्षित करती है । शिखर रूपी मंदिर परिकर में दोनों तरफ से और ऊपर छत्र भी इस प्रतिमा में समाहित है। यह तो कुछ ही प्रतिमांएं हैं , ऐसी हजारों प्रतिमाएं आज भी हमारी विदेशों में वापसी का इंतजार कर रही हैं।
पीएम मोदी जी ने उन 29 पुरावशेषों का निरीक्षण किया जिन्हें ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारत वापस लाया गया है
विषयों के अनुसार पुरावशेष 6 व्यापक श्रेणियों में हैं – जैन तीर्थंकर, .शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुएं।