चातुर्मास केवल अंतरंग की यात्रा को गति प्रदान करने के लिए : आचार्य श्री अतिवीर जी मुनिराज

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रानी बाग में चातुर्मास कलश स्थापना संपन्न

प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज ‘छाणी’ की परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के 16वें मंगल चातुर्मास कलश स्थापना समारोह का भव्य आयोजन दिनांक 25 जुलाई 2021 को व्यापक धर्मप्रभावना के साथ श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रानी बाग, दिल्ली में सानंद संपन्न हुआ|

पूज्य आचार्य श्री के मंचासीन होने के पश्चात् कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ हुआ| पं. श्री धरणेन्द्र जैन शास्त्री (मथुरा) के निर्देशन में श्री संदीप जैन (संरक्षक) द्वारा ध्वजारोहण किया गया| श्री प्रमोद जैन ‘वर्धमान ग्रुप’ (परम संरक्षक) का समस्त समाज द्वारा अभिनन्दन कर समारोह गौरव के रूप में सम्मानित किया|

दिल्ली जैन समाज के अध्यक्ष श्री चक्रेश जैन (दरियागंज), पंजाब केसरी के कार्याध्यक्ष श्री स्वदेश भूषण जैन (अशोक विहार), श्री नानक चंद जैन (अशोक विहार फेज-2), श्री गोपेन्द्र जैन (आदर्श नगर), श्री दिगम्बर जैन परिषद् दिल्ली के महामंत्री श्री सुनील जैन (शक्ति नगर), श्री ऋषभ जैन (न्यू रोहतक रोड), श्री कैलाश बड़जात्या (रोहिणी), श्री महेश चंद जैन (कृष्णा नगर), श्री सुनील जैन (शिवम् एन्क्लेव), श्री अनिल जैन (नजफगढ़), श्री वी. के. जैन (अशोक विहार फेज-1) आदि समाज के गणमान्य महानुभावों ने उपस्थित होकर आचार्य श्री का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया|

जैन दर्शन के मूर्धन्य विद्वान तथा अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् के यशस्वी अध्यक्ष डॉ. श्रेयांस कुमार जैन (बड़ौत) ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में चातुर्मास काल में श्रमण व श्रावक की भूमिका का विवरण दिया तथा जैन धर्म की अभूतपूर्व प्रभावना में पूज्य आचार्य श्री के योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा की|

विशाल धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्य आचार्य श्री के कहा कि इस वर्ष का चातुर्मास केवल अंतरंग की यात्रा को गति प्रदान करने के लिए होगा। आडंबरों से दूर तथा अध्यात्म के निकट इस वर्ष का वर्षायोग अद्वितीय रूप से संपन्न होगा। चातुर्मास का अवसर जीवन को सन्मार्ग की ओर ले जाने का स्वर्णिम अवसर होता है।

संत तो एक स्थान पर रूककर तथा साधना कर अपने कर्मों की निर्जरा कर लेता है, परन्तु श्रावकों को भी इस मौके का फायदा उठाने के लिए घर से निकल संत की चरण-सन्निधि में आना ही होगा। आचार्य श्री ने आगे कहा कि रानी बाग क्षेत्र में प्रथम बार होने जा रहे वर्षायोग में अध्यात्म की वर्षा होगी। चातुर्मास काल में अनेक ग्रंथों की वाचना तथा स्वाध्याय संपन्न होगी। प्रभु की भक्ति, जिनवाणी की आराधना तथा जिनवचनों के रसपान से यह वर्षायोग ओतप्रोत होगा।

इस भव्य समारोह में राजधानी दिल्ली की विभिन्न कालोनियों के साथ-साथ सूर्य नगर, इंदिरापुरम, गुरुग्राम, रोहतक, बड़ौत, फरीदाबाद, रेवाड़ी, कोसी कलां, मथुरा, आगरा आदि जगह-जगह से पधारे मुनिभक्तों ने आचार्य श्री के चरणों में श्रीफल अर्पित कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया| समाज की महिलाओं तथा बच्चों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए|

सौभाग्यशाली महानुभावों द्वारा सम्यक-दर्शन (मुख्य) कलश तथा सम्यक-ज्ञान व सम्यक-चारित्र कलश विराजमान किये गए| कार्यक्रम के अंत में भक्तों ने मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान तथा आचार्य श्री की मंगल आरती की| श्री दिगम्बर जैन सभा (रजि.), रानी बाग के पदाधिकारियों द्वारा पधारे हुए सभी अतिथि व समाज श्रेष्ठियों का तिलक, माला व पटका पहनाकर सम्मान किया गया|