मंदिरों के 5 KM के दायरे में मांस की बिक्री, ट्रांसपोर्टेशन अब नहीं :अगर असम ऐसा कर सकता है तो हिंदुत्व का झंडा तथा अहिंसा का पैगाम फैलाने का दावा करने वाले शेष राज्य और पूरा देश क्यों नहीं कर सकता

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शुक्रवार 13 अगस्त को असम सरकार ने वह कर दिखाया जो अभी तक भारत देश की सरकार, नरेंद्र मोदी जी या उत्तर प्रदेश, यानी योगी आदित्यनाथ जी या फिर अशोक गहलोत जी, शिवराज सिंह चौहान जी , अरविंद केजरीवाल जी आदि अनेक अपने देश या राज्य में अभी तक करने की हिम्मत नहीं जुटा सके ।

कारण कोई भी हो, पर असम ने यह करके दिखा दिया । इस शुक्रवार को असम विधानसभा ने मवेशी संरक्षण बिल पारित कर दिया , जिसके अनुसार अब हिंदू, जैन, सिख धार्मिक स्थलों यानी मठ, मंदिर आदि के 5 किलोमीटर के दायरे में, मांस, यानी बीफ की बिक्री, अब नहीं की जा सकेगी ।इस कानून के अंतर्गत, स्पष्ट करा गया है कि असम राज्य की सीमाओं के पार, गोमांस के ट्रांसपोर्टेशन आदि पर भी रोक लग गई है, अब एक राज्य से दूसरे राज्य में, मवेशियों को मारने के लिए नहीं ले जाया जा सकेगा।

इस तरह के ट्रांसपोर्टेशन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है, यानी सीमा पार गौ मांस का परिवहन, मंदिर यानी जैन ,हिंदू, सिख धार्मिक स्थलों के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में, गौ मांस की बिक्री पर प्रतिबंध और इसके लिए मवेशियों का संरक्षण। उन्हें धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक तर्क भी दिया। अब असम के अंदर कोई भी व्यक्ति तब तक मवेशी को नहीं मार सकेगा, जब तक उसने संबंधित क्षेत्र के रजिस्टर्ड पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा मंजूरी प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर लिया गया है ।

यह पहल आसाम सरकार ने की है और इसके लिए चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी आसाम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा जी को सादर धन्यवाद देता है, व इस कानून को लाने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं भी देता है ।

अगर एक पूर्व का छोटा सा असम राज्य, ऐसा कर सकता है तो हमारे देश के बड़े-बड़े राज्य और हिंदुत्व का झंडा तथा अहिंसा का पैगाम फैलाने का दावा करने वाले हमारे शेष राज्य और पूरा देश क्यों नहीं कर सकता, यह चिंतन का विषय है। अगर एक गलत बात को रोक सकता है तो बाकी भी सही कदम तो उठा ही सकते हैं गलत बात को रोक सकते हैं।
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