खटारा स्कूटर पर माचिस बेचने वाले वाले की 33 साल पहले आचार्य श्री के आशीर्वाद से कैसे पलटी किस्मत

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17अप्रैल 2022/ बैसाख कृष्णा एकम, /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
आज पूरा विश्व जानता है कि कैसे एक चाय वाला , राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते हुए उसे शीर्ष तक पहुंच गया और उसने देश ही नहीं पूरे विश्व में अपनी अनूठी छाप बना दी है। जी हां, हर कोई जानता है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बारे में। जो चाहे कुछ खास पढ़े ना हो, पर आज अच्छे-अच्छे ,ऊंचे पढ़े लिखे उनकी बात के अनुसार काम करते हैं।

आज आपको बता रहे हैं इसी तरह, एक खटारा स्कूटर पर माचिस बेचने वाले एक शख्स की बात। राजस्थान की है , जो पहले एक खटारा स्कूटर पर माचिस बेचने के लिए राजस्थान आते थे । मगर ज्यादा लाभ नहीं मिलता। फिर 1989 में मार्बल की एक खदान ली और उसमें भी कुछ खास नहीं मिला ।

और तब उन्होंने पहली बार , संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज का आशीर्वाद दिया और उनके सुझाव पर काम शुरू किया। कहते सच्चे संतों के आशीर्वाद फलते देर नहीं लगती और वही हुआ, तब उनके पास मात्र ₹100000 थे आज से 33 वर्ष पूर्व । पर आज , दिन रात , दूनी चौगुनी, वृद्धि करते हुए, इस समय है मार्बल किंग । समझ गए आप हम बात कर रहे हैं मार्बल के शहंशाह अशोक पाटनी जी की , जिनके आर के मार्बल ग्रुप की आज पूरे देश में धूम है।

उनके पास खटारा स्कूटर नहीं, खुद का हेलीकॉप्टर है। उन्होंने एक मंदिर बनवाया और 12 साल से इस इंतजार में है उसके पंचकल्याणक, प्राण प्रतिष्ठा, जो होगी वह आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के हाथों से हो। इंतजार कर रहे हैं, बार-बार अनुरोध करते हैं विनम्रता के साथ , अपने गुरुवर से, जिन्होंने उ

नका जीवन पलट दिया , कायाकल्प कर दिया कि पधारो गुरुवर , किशनगढ़ आओ और उस भव्य मंदिर को भी एक बार अपने आशीर्वाद से पाषाण को भगवान के रूप में बदल दो । यह हमारे मार्बल के, देश के सबसे बड़े कारोबारी अशोक पाटनी ,जिन्हें उम्मीद है कि आएंगे , गुरुवर आएंगे , कभी राजस्थान होते हुए नरेलजी में आएंगे जरूर।