हस्तिनापुर के आश्रम मे विराजमान वासल्य की मूर्ति बडी माता जी आर्यिका 105 विद्या श्री माताजी का आज स्वास्थ खराब होने के कारन देवलोक गमन हो गया है
आर्यिका श्री की दीक्षा आचार्य श्री विराग सागर जी से हुई थी , बादमें गणनी आर्यिका पद आचार्य श्री विद्यानंदजी ने दिया था
यह जैन समाज के लिए एक बहुत ही बडी छति है,
चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी हार्दिक विन्याजलि अर्पित करता है।