दिगम्बर आर्यिका श्री सुप्रकाशमति माताजी संघ (5) की कोरोना पर जीत, श्वेताम्बर समाज की गजब की प्रीत

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सान्ध्य महालक्ष्मी डिजीटल / 31 मार्च
दिगम्बर-श्वेतांबर का जब भेद खत्म होता है तो कोरोना जैसी महाशत्रु को भी आसानी से जीत लेते हैं। महाराष्ट्र के शहादा की दादावाड़ी में आर्यिका माता श्री योगा और व्यायाम से अपने को स्वस्थ रखने के लिये प्रयत्नशील हैं। कुछ दिन पहले की बात है आर्यिका श्री सुप्रकाशमति माताजी का पूरा संघ यानि पांचों आर्यिका श्री को कोरोना ने जकड़ लिया।

महाराष्ट्र के नंदूरवार जिले के शहादा की घटना है। कुछ दिन पहले वहां केवल निर्मल जैन का एक ही दिगंबर परिवार और संघ की पांचों आर्यिका माता को कोरोना। अब धर्मप्रेमी एक परिवार क्या व्यवस्थायें करें। दिगंबर-श्वेतांबर दीवार को ढहाते हुये कमरू भाई आर्यिका माताजी के चरणों में पहुंचे और सादर विनम्र अनुरोध किया कि यहां 400 घर का श्वेतांबर समाज दादावाड़ी में है, आप वहां चलें, जब स्वस्थ सही हो जायें, आप वापस आ जाएं, आपकी परम्परा अनुसार सारी व्यवस्थायें की जाएंगी। माताजी पूरे संघ के साथ यहां आ गई। श्वेतांबर बंधुओं ने हर संभव सेवा सहयोग दिया।
श्री सुप्रकाशमति माताजी ने 13 वर्ष की उम्र में घर का त्याग कर दीक्षा ली थी, तब शिक्षा नगभग नगण्य, पर आज संस्कृत, हिंदी, प्राकृत, कन्नड़, गुजराती, मराठी, तमिल आदि कई भाषाओं में सीधे संवाद करती हैं। अब तक 62 हजार किमी की यात्रा कर चुकी हैं।
पिछले 7 दिनों से तेजी से स्वास्थ्य में सुधार है। निर्मल भाई के साथ पूरा श्वेताम्बर समाज सेवा में लगा है। डॉ. स्मिता जी ने बताया कि अब रिपोर्ट ठीक है, आज यह एक होकर कोरोना से लड़कर जीत हासिल करने की अद्भुत मिसाल है। मत बंटो, एक रहो।