4 नवंबर 2022/ कार्तिक शुक्ल एकादिशि/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
हस्तिनापुर में एक साथ 3 तीर्थंकरों का गर्भ , जन्म , तप, ज्ञान कल्याणक हुए और 17 तीर्थंकर कुंथुनाथ जी के 1000 करोड़ वर्ष में अगर चौथाई पल्य कम कर दें , तब 18वें तीर्थंकर श्री अरनाथ जी की महारानी मित्रसेना के गर्भ से जन्म हुआ।
84000 वर्ष की आयु थी आपकी और आपने 21000 वर्ष के कुमार काल के बाद 42000 वर्ष राज्य किया, तब एक दिन ऐसे ही सर्दी के समय था यानी शरद ऋतु थी और उसमें बादल आ जा रहे थे और नष्ट हो रहे थे बस उसी को देखकर आपके मन में वैराग्य की भावना बलवती हो गई।
आपने आम्र वृक्ष के नीचे सहेतुक वन में तप धारण किया और फिर 16 वर्ष तक कठोर तप के बाद, आपको कार्तिक शुक्ल द्वादशी, जो इसबार 5 नवंबर को है । आपको केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई अपरान्ह काल में आपका केवली काल 20984 वर्ष रहा । आपके 30 गणधर थे , जिनमें प्रमुख थे कुंभ गणधर जी ।
ऐसे ज्ञान कल्याणक जो बताते हैं कि इस 84,00,000 योनियों के चक्कर से निकलना है तो हमें अपने भीतर आना होगा। चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी के साथ बोलिए 18बेन तीर्थंकर श्री अरनाथ जी के ज्ञान कल्याणक की जय , जय, जय।