19 फरवरी 2023/ फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/भोपाल/ रवीन्द्र जैन
भोपाल स्टेशन बजरिया के पास की तंग बस्ती शंकराचार्य नगर में एक परिवार में पैदा हुए युवक जितेन्द्र जैन की चर्चा आज विश्व पटल पर हो रही है। जैन मुनि बनकर इनकी कठिन तपस्या और साधना ने सभी को हैरत में डाल दिया है। पिछले 11 वर्ष में इन्होंने 1415 दिन बिना अन्न जल ग्रहण किये मौन रहकर बेहद कठोर तपस्या की है।
जितेन्द्र जैन का युवावस्था में कदम रखते ही धर्म के प्रति रूझान बढ़ने लगा था। आचार्यश्री विशुद्धसागर जी महाराज के संघ में रहकर इन्होंने जैन मुनि बनने के लिए अभ्यास शुरु किया। जितेन्द्र कई दिनों तक बिना अन्न जल ग्रहण किये ध्यान लगाते रहे। आचार्यश्री विशुद्धसागर जी महाराज ने इन्हें जैन शास्त्रों का अध्ययन कराया। 2011 में इन्हें मुनि दीक्षा दी। दीक्षा के बाद इनका नाम मुनिश्री अनुत्तर सागर रखा गया।
मुनि बनने के बाद इन्होंने लंबे समय तक मौन साधना करके ज्ञान प्राप्त किया। फिर इन्होंने जैन शास्त्रों में वर्णित उपवासों (बिना अन्न जल ग्रहण किये) की साधना की।