अंतरिक्ष पार्श्वनाथ की आंच महाराष्ट्र में फैली, संभाजी नगर, कोल्हापुर, सांगली में बड़ी रैलियां ॰ क्यों दिगम्बर समुद्राय के साथ अन्याय-अत्याचार-प्रताड़ना

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॰ महिलाएं बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरी
॰ संतों का आह्वान – अन्याय रोको, विरोध करो
08 अक्टूबर 2024/ अश्विन शुक्ल पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /

एक अक्टूबर को संभाजी नगर, 07 को कोल्हापुर और 08 अक्टूबर को सांगली में दिगम्बर समाज के हजारों लोगों, विशेषकर महिलाओं ने, रैलियां निकाली और प्रत्येक जिलाधिकारी को ज्ञापन दिये। यह स्पष्ट संकेत थे कि शिरपुर बचाओ आंदोलन अब वाशिम तक ही सीमित न रहकर, पूरे महाराष्ट्र से आवाज उठेगी।

जैन समाज के बाल ब्रह्मचारी, त्यागी व्रती और महिलाओं पर होने वाले अन्याय-अत्याचार और मारपीट मामलों में ‘शिरपुर बचाओ आंदोलन’ विभिन्न शहरों में आयोजित किया जा रहा है।

इन आंदोलनों में हजारों की संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से लोग आये और उनमें बड़ी संख्या में स्लोगन लेकर महिलायें सड़कों पर उतरी। यह स्पष्ट है कि दिगंबर जैन समाज की काशी के रूप में पहचाने जाने वाले शिरपुर जैन का अस्तित्व खतरे में है। कहा गया कि गुजरात राज्य के घुसपैठियों की अधर्म एवं अनीति का विरोध जैन धर्म के मूल सिद्धांत ‘जिओ और जीने दो’ पर प्रशासनिक माध्यमों से किया जाएगा।
जहां एक तरफ सभी दिगम्बर वेदियों पर उनका रूप बदलने की कोशिशें, मंदिर परिसर में शराब में धुत सिक्योरिटी गार्ड्स को अपने ही भाइयों के विरुद्ध खड़ा करने, मारपीट-गाली गलौज करने और उल्टे बाल ब्रह्मचारी तात्या भैया जी पर गलत मामले दायर करने जैसे गंभीर आरोपों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।

इस बारे में चैनल महालक्ष्मी ने आचार्य श्री सुनील सागरजी से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिसकी लाठी उसकी भैंस, कितने अनाचार करवायेंगे। अनेक साधक अच्छे भी हैं, पर कुछ साधक दुष्ट प्रवृत्ति के साधु भी मिल जाएंगे, जो समाज को उकसाने का काम करते हैं। शराब पीकर लाठियां मारते हैं, विरोध होना चाहिए और अपने तीर्थों की रक्षा करनी चाहिए।

आचार्य श्री विशुद्धसागरजी ने कहा कि शिरपुर पार्श्वनाथ की दिगम्बर जैन प्रतिमा है, फिर मध्य में उपासना की दृष्टि से आये लोगों ने, अपनी विधि से पूजा शुरू की। फिर दोनों को अलग-अलग समय दे दिया गया। यह विशालता का प्रतीक है। पर अब, उन्हीं पर, अपना अधिकार जमाने की कोशिशें करना पूरी तरह गलत है।

मुनि श्री विशाल सागरजी ने भी इस तरह की कोशिशों का विरोध कर,सही न्याय की अपील की। ऐलक सिद्धांत सागरजी ने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि ये प्रतीकात्मक धरने, रैली, ज्ञापन-पुरातत्व विभाग द्वारा मूर्ति का दिगंबरी पंजीयन, मंदिर के सीसीटीवी फुटेज, पुलिस निगरानी, मद्यपान कर प्रवेश निषेध की मांग के साथ श्री महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण महोत्सव वर्ष में राज्य स्तर पर की गई निबंध प्रतियोगिता में एक ही पक्ष के भ्रामक तथ्यों की जानकारी वाली पुस्तक जारी कर, महावीर स्वामी के विवाह, पुत्री, स्कूल में शिक्षा, दीक्षा के बाद वस्त्र, आषाढ़ माह में मोक्ष आदि गलत जानकारी देने का भी कड़ा विरोध किया जा रहा है। ‘हम सबका एक ही नारा है, अंतरिक्ष पार्श्वनाथ तीर्थ हमारा है’, की तख्तियां हर तरफ नजर आ रही थी।

सभी जगह आंदोलन अहिंसामय तरीके से शांतिपूर्ण माहौल में किये गये।
इसकी पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2889 व 2903 में देख सकते हैं।