21 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा छठ /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
सपने में भी नहीं सोच सकते कि कोई ऐसा भी चोर हो सकता है, जिसके परिवारजनों ने जिस मंदिर में ईटों का दान करके मंदिर का निर्माण करवाया हो, उसी मंदिर में जाकर वह चोरी करें। जिस के परिजन जयपुर शहर के धनवान और रसूखदार व्यक्ति हों, और वह, जिस के परिजन जयपुर में ही 3 इटों के भट्टे के मालिक हो और वही दर्जनों मंदिरों में चोरी की वारदात करता हो। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार , ऐसा है चोर सुमित अग्रवाल , जो अब पकड़ा गया है। 20 अपराधी केस उसके खिलाफ दर्ज है ।
परिजनों ने उसका आचरण सही ना होने के कारण , उसे खर्चे के रुपए देने बंद कर दिए , तब सुमित अग्रवाल ने अपने शातिर दिमाग का फायदा उठाकर, अपने परिवार जनों के खाली चेक लेकर , उन पर हूबहू हस्ताक्षर कर , बैंकों से रुपए निकलवाने शुरू कर दिए थे और अपने शातिर दिमाग का फायदा उठाते हुए, बैंक में जाकर, चेक बॉक्स में पड़े हुए, चेक की फोटो लेकर थर्ड पार्टी की चेक बुक इशू करवा लेता था और उस पर अन्य लोगों के हुबहू हस्ताक्षर करके, बैंकों से रुपए निकलवा लेना , ऐसे 8 प्रकरणों में वह अब तक जेल भी जा चुका है । छह में उसके खिलाफ वारंट भी जारी है । बीकॉम तक पढ़ा भी हुआ है और वर्तमान में अग्रवाल समाज सेवा समिति का केयर टेकर भी है।
इसकी फोटो तो चैनल महालक्ष्मी पर, आप कई बार देख चुके होंगे। जयपुर के कई मंदिरों में , जिसमें मालवीय नगर, मालपुरा गेट , मुहाना, भांकरोटा, सांगानेर इलाका थाना क्षेत्र में , इसने कई चोरियां की। फिर पुलिस की एक टीम बनी और लगातार मुखबिरी और तकनीकी सहायता से इसका पीछा करते रहे। इसकी उम्र 42 साल है और स्वरूप विहार, जगतपुरा, रामनगरिया रोड, जयपुर में रहता है । इसके साथ जो इसका चोरी का माल खरीदा था मुकेश अग्रवाल , उसको भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
यह चोर, सुमित, बड़ी रिसर्च करके चोरी करता था। यह मंदिरों को गूगल मैप की सहायता से खोजता था और गूगल मैप से मंदिर का फोटो का अवलोकन कर्ता तथा मंदिरों में मूर्तियों के आस पास रखे हुए सोने व चांदी के आभूषणों की फोटो देखता तथा उसके पश्चात दिन के समय एक-दो दिन आकर मंदिर की रेकी भी करता। रेकी करने के पश्चात, यह पुजारी के मंदिर से जाने और आने के समय को लगातार नोट करता रहता तथा पुजारी मंदिर से पूजा करने के बाद जब जाता , तो यह मंदिर के अंदर पूजा करने के बहाने घुस जाता था और मंदिर के अंदर मूर्तियों पर रखे, सोने-चांदी के आभूषणों को चोरी करके चंपत हो जाता था ।
इसने 14 मई को आदिनाथ जैन मंदिर, मुहाना में , पांच चांदी के छत्र, 16 अप्रैल को मालपुरा गेट के दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र संघी जी सांगानेर से एक धातु की मूर्ति, दो चम्मच और 12 तक पात्र, 5 अप्रैल को मालवीय नगर के नाकोडा पार्श्वनाथ प्राकृत भारती मंदिर से सोने का मुकुट और पांच चांदी के छत्र, भांकरोटा से 10 मई को, लक्ष्मीनारायण जी मंदिर , सिरसी , से दो चांदी के छत्र, चांदी का हार , विष्णु भगवान और लक्ष्मी जी की चांदी की मूर्ति, 14 मई को, सांगानेर के महावीर दिगंबर जैन मंदिर चित्रकूट कॉलोनी से, दो चांदी के छत्र, चांदी के दो मुकुट , गलतागेट से 3 मई और फिर 9 मई को भगवान ऋषभदेव प्राचीन मंदिर से सोने की पत्ती, चांदी के छत्र , गलतागेट से ही 10 मई को, बंगाली बाबा आश्रम से पांच चांदी के छत्र , 1 महीने पहले प्रताप नगर से चार चांदी के छत्र भी चोरी कर चुका है।