जिस दिन जन्म हुआ, उसी दिन साढ़े 22 लाख वर्ष बाद , बिजली गिरने को देख तप को चल दिए, 14वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी

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26 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा एकादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
13 वे तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के 9 सागर 15 लाख वर्ष के लगभग बीत जाने के बाद, अयोध्या में महाराजा सिंहसेन जी की महारानी सर्वयशा के गर्भ से , हमारे 14वे तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी का इश्वाकु वंश में जन्म हुआ और जन्म तक, यानि 15 माह तक रत्नों की बरसात करता रहता है कुबेर राजमहल पर। आपकी आयु 30 लाख वर्ष थी और शरीर की ऊंचाई 50 धनुष।

आपने साढ़े सात लाख वर्ष के कुमार काल के बाद , 15 लाख वर्ष राजपाट संभाला और फिर जेष्ठ कृष्ण द्वादशी को जन्म लेने वाले तीर्थंकर अनंत नाथ जी, उसी तिथि को यानी जेष्ठ कृष्ण द्वादशी को ही , जब राज महल की छत पर थे, तो बिजली गिरने के और उसके नष्ट होने के दृश्य को देखकर वैराग्य की भावना बलवती हो गई ।

और फिर अयोध्या नगर के सहेतूक वन में सागर दत्ता पालकी से अशवस्थ वृक्ष के नीचे पहुंच गए दीक्षा हेतु। आपके साथ 1000 अन्य राजाओं ने भी दीक्षा ली। पंचमुष्टि केश्लोंच कर आप ने 2 वर्ष कठोर तप किया।

बोलिए , 14वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी के जन्म और तप कल्याण की जय , जय , जय।