ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी : तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी जन्म-तप कल्याणक

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14वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी का अयोध्या नगरी के महाराज श्री सिद्धसेन की महारनी सर्वयशा के गर्भ से ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी (जो 6 जून को है) को रेवती नक्षत्र में हुआ।

तीस लाख वर्ष की आयु, तपे सोने जैसा रंग, 300 फुट ऊंचा कद, आपने 15 लाख वर्ष राजपाट संभाला और अचानक बिजली गिरने के दृश्य को देख संसार से विरक्ति हो गई, वह दिन था ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी।

तब अयोध्या नगर के सेहतुक वन में सागर दत्ता पालकी से पहुंचे और अपराह्न काल में पंचमुष्टि केशलोंच कर अश्वस्थ वृक्ष के नीचे कायोत्सर्ग मुद्रा धारण करके तप में लीन हो गये। यानि 6 जून को ही 14वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी का जन्म और तप कल्याणक है।