तीर्थंकर श्री अनंतनाथ का गर्भ कल्याणक पर्व गुरुवार,दि.21 अक्टूबर ,2021 ,कार्तिक कृष्ण प्रथमा

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21 अक्टूबर दिन गुरूवार तीर्थंकर अनन्तनाथ जी का गर्भ कल्याणक , शाश्वत नगरी अयोध्याजी में हुआ था | आज के दिन रात्रि के पिछले प्रहर व रेवती नक्षत्र में मातारानी जयश्यामा के गर्भ में अवतीर्ण हुए थे |
(उत्तर पुराण के आधार से)
श्री अनंतनाथजी तीर्थंकर के पूर्व भव
1.राजा पद्मरथ:-धातकी खंड द्वीप के पूर्व मेरु से उत्तर की ओर नगर अरिष्टपुर के पद्मरथ राजा ने स्वयंप्रभ जिनेन्द्र से धर्मोपदेश सुन दीक्षा ली, ग्यारह अंगरूपी सागर का पारगामी हो कर तीर्थंकर प्रकृति का बंध किया।

2.अच्युतेन्द्र:- राजा पद्मरथ के जीव ने सल्लेखना से मरण कर अच्युत स्वर्ग के पुष्पोत्तर विमान में इंद्रपद प्राप्त किया।

3.तीर्थंकर अनंतनाथ:
” सेही सूचिह्न तनु स्वर्णिम कांतिधारे,
वंदू अनंत जिन को बहु भक्ति धारे।
‎पूजूँ नमूं सतत ध्यान धरूँ तुम्हारा,
‎संपूर्ण दुःख हरिये भगवन! हमारा।।”
तीर्थंकर भ. अनंतनाथ का संक्षिप्त परिचय
पिता:इक्ष्वाकुवंशी राजा सिंहसेन, माता:महारानी सर्वयशा,
जन्मस्थान:अयोध्या ,अच्युत स्वर्ग के पुष्पोत्तर विमानके
इंद्र रानी सर्वयशा के गर्भ में कार्तिक कृ.1 को रेवती नक्षत्र में अवतीर्ण ,
जन्म कल्याणक तिथि:ज्येष्ठ कृ.12, जन्म नक्षत्र:रेवती,
चिन्ह:सेही,आयु:30 लाख वर्ष,शरीरवर्ण:सुवर्ण,
कुमारकाल:7.5लाख वर्ष, राज्यकाल:15 लाख वर्ष,

वैराग्यकारण:उल्कापात,
दीक्षा कल्याणक तिथि:ज्येष्ठ कृ.12 ,दिक्षा समय:अपराह्न,
दिक्षा नक्षत्र:रेवती, दीक्षावन:सहेतुक,दीक्षावृक्ष:पीपल,
सहदीक्षित मुनि:1000, दीक्षा पालकी:सागरदत्ता,
दीक्षा स्थान:अयोध्या, प्रथम आहार दाता:विशाख,
खीर का प्रथम आहार, प्रथम आहार का स्थान:अयोध्या,
छद्मस्थ काल:2 वर्ष,

केवलज्ञान तिथि:चैत्र कृ.अमावस्या ,केवलोत्पत्ति काल:
अपराह्न, केवलस्थान: सहेतुक, केवल नक्षत्र:रेवती,
समवसरण भूमि: 5.5 योजन, केवल वृक्ष:पीपल,
यक्ष:किन्नर, यक्षिणी:वैरोटी, केवलिकाल:749998 वर्ष,
गणधर संख्या: 50, मुख्य गणधर:अरिष्ट,
ऋषिसंख्या:66000, आर्यिका:108000,
मुख्य आर्यिका:सर्वश्री, श्रावक:2 लाख, श्राविका:4 लाख,

मोक्ष कल्याणक तिथि:चैत्र कृ.अमावस्या, प्रदोष काल,
मोक्षनक्षत्र:रेवती,मोक्षस्थान:संमेदशिखर् ,सहमुक्त:7000

अनंत गुण पा कर दिया अनंत भवो का अंत।
अनंत सार्थक नाम तव अनंत जिन जयवंत।।
अनंत सुख पाने सदा भव से हो भयवंत।
अंतिम क्षण तक मैं तुम्हें स्मरु स्मरे सब संत।।
🕉ह्रीं श्रीअनंतनाथजिनेन्द्राय नमः
श्री अनंतनाथ तीर्थंकर भगवान के चरणोमे कोटी कोटी वंदन। श्री अनंतनाथ भगवान के गर्भ कल्याणक महोत्सव की जय हो। श्रीअनंतनाथ तीर्थंकरकी जय जय जय

तीर्थंकर श्री अनंतनाथ का गर्भ कल्याणक पर्व गुरुवार,दि.21 अक्टूबर ,2021 ,कार्तिक कृष्ण प्रथमा, वीर निर्वाण संवत.2547, सभी धर्मप्रेमियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें

संकलन:आनंद जैन कासलीवाल