दिन एक, तीर्थंकर दो, कल्याणक तीन : 01 अप्रैल : तीर्थंकर अनंतनाथ जी का ज्ञान व मोक्ष तथा अरहनाथ जी का मोक्ष कल्याणक

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31 मार्च 2022//चैत्र कृष्णा चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

पूरे वर्ष में एक ही दिन होता है चैत्र कृष्ण अमावस जिस दिन दो तीर्थंकरों का मोक्ष कल्याणक आता है। 14वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी को इसी दिन दो वर्ष के कठोर तप क ेबाद अयोध्या के सहेतुक वन में पील वृक्ष के नीचे अपराह्न काल में केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कुबेर ने सौधर्मेन्द्र की आज्ञा से तत्काल साढ़े पांच योजन विस्तृत समोशरण की रचना की। आपका केवली काल दो वर्ष कम साढ़े सात लाख वर्ष का रहा।

जब आयु एक माह शेष रह गई तब आप श्री सम्मेद शिखरजी की स्वयंभू कूट पर पहुंच गये और चेत्र कृष्ण अमावस को ही अपराह्न के प्रदोष काल में, 7000 मुनिराजों के साथ सिद्धालय पहुंच गये, इसी कूट से एक कोड़ा कोड़ी, 7 करोड़ 70 लाख, 700 मुनिराज मोक्ष गये हैं। इस कूट की निर्मल भावों से वंदना करने से एक करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है।

इसी चैत्र कृष्ण अमावस को ही 18वें तीर्थंकर श्री अरहनाथ जी एक माह के भोग निवृत्ति काल के बाद एक हजार महामुनिराजों के साथ श्री सम्मेदशिखरजी की नाटक कूट से प्रत्यूष बेवा में मोक्ष गये। इसी कूट से एक कम एक अरब महामुनिराज मोक्ष गये हैं। इस कूट की निर्मल भावों से वंदना करन से 96 करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है।