जानते हैं वह कौन था, जिनके कहने पर अकबर ने 1050 जैन प्रतिमाओं को पिघलाकर सोना निकालने की अनुमति को देने से इनकार कर दिया

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23 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा अष्टमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
करमचंद जैन बीकानेर के पूर्व प्रधान मंत्री और अकबर के मंत्री भी थे,
करमचंद, जिन्हें पर्यावरण और जैन परंपराओं की गहरी चिंता थी, ने सतलुज, देक और रावी नदियों में मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोकने के आदेश जारी किए थे। उसने मरुस्थलीय क्षेत्र में पेड़ों की कटाई बंद कर दी। राजा राय सिंह ने पर्युषण (मानसून के दौरान जैनियों का पवित्र त्योहार) के दौरान जानवरों की हत्या पर प्रतिबंध लगाने के आदेश भी पारित किए।

1576 में सुल्तान तुर्सम खान द्वारा लूटी गई दुर्लभ 1050 जीना छवियां (जैन पेंटिंग) और मूर्तियां (सोना और पीतल), सिरोही के दरगाहों से फतेहपुर सीकरी में सम्राट अकबर के पास रखी गई थीं। इसका उद्देश्य मूर्तियों को पिघलाना और सोना निकालना था, लेकिन अकबर ने अनुमति से इनकार कर दिया और उन्हें सुरक्षित रखने का आदेश दिया। करमचंद के कहने पर ही राजा राय सिंह सम्राट के पास पहुंचे और मूर्तियों को सम्मानपूर्वक 1582 में छोड़ दिया गया।