24 मार्च 2023/ चैत्र शुक्ल तृतीया/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
एक लाख वर्ष पूर्व, एक पूर्वांग और 12 वर्ष के केवली काल के बाद द्वितीय तीर्थंकर श्री अजीतनाथ जी एक माह पूर्व के भोग निवृत्ति काल के साथ श्री सम्मेद शिखरजी की सिद्धवरकूट पर पहुंच जाते हैं। वह दिन था चैत्र शुक्ल पंचमी का , जो इस वर्ष 26 मार्च को है।
1000 मुनिराजों के साथ आप एक क्षण में सिद्धालय में विराजमान हो जाते हैं। इसी टोंक से एक अरब 84 करोड़ 45 लाख महामुनिराज भी सिद्ध भय हैं और इस टोंक की भाव सहित वंदना करने से 32 करोड़ उपवास का फल मिलता है ।
आपका तीर्थ प्रवर्तन काल 30 लाख करोड़ सागर व तीन पुरवांग का रहा। श्री सम्मेद शिखरजी से मोक्ष जाने वाले आप पहले तीर्थंकर रहे।
चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी साथ बोलिए दूसरे तीर्थंकर श्री अजीत नाथ जी के मोक्ष कल्याणक की जय जय जय।
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