गांधीजी के चरखे से कपडा बनाने के लुप्त स्वप्न की पुनर्स्थापना की गयी आगरा सेन्ट्रल जेल में- भारत पताका हथकरघा सैन्टर का हुआ उद्घाटन
आगरा, दि.2 अक्टूबर, 2021, आगरा केन्द्रीय कारागार मे जैन समाज के द्रारा सक्रिय सम्यकदर्शन सहकार संघ व आगरा दिगम्बर जैन परिषद के सहयोग से संचालित भारत पताका हधकरघा केन्द्र का भव्य उद्धाटन समारोह सन्त शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से उन्ही के शिष्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज व वीर सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य मे व बाल ब्र.सुनील भैया, ब्र.पद्म भैया व ब्र.रौनक भैया के निर्देशन मे आयोजित हुआ! कार्यक्रम का ध्वजारोहण श्री प्रदीप जैन जी PNC परिवार के द्वारा हुआ, चित्र अनावरण पूर्व जेल अधीक्षक श्री वी के जैन लखनऊ,विधायक श्री महेश गोयल, राज्य मन्त्री श्री जी एस धर्मश के द्वारा व दीप प्रज्वलन श्री संजय जैन एन के, विमलेश मारस्न्स, आगरा दिगम्बर जैन परिषद के महामन्त्री श्री सुनील जैन व अर्थ मन्त्री श्री राकेश जैन पर्दा ने कीया!
कार्यक्रम के मुख्य अतिथी अखिल भारतीय महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आगरा नगर के महापौर श्री नवीन जैन रहे, विशिष्ट अतिथि के रूप मे पूर्व IPS व ब्रजक्षेत्र तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष श्री शैलजा कान्त मिश्रा रहे! कार्यक्रम का मंगलाचरण श्री दीपक जैन एन्ड पार्टी ने किया, सरस्वती वन्दना जेल के कैदीयो ने कीया व चारों पधारे मुनिराजो के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य हधकरघा प्रगल्भ से जुडे बन्दीयो को दीया गया! इस अवसर पर आगरा दिगबर जैन समाज के द्रारा बन्दी कल्याण योजना के अन्तर्गत अच्छी सहयोग राशी देने की घोषणा भी की गयी! कुछ बन्दीयो को आगरा दिगम्बर जैन परिषद के सौजन्य से सम्मानित भी कीया गया!
इस सक्रिय सम्यकदर्शन सहकार योजना के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष बाल ब्र. सुनील भैया ने बताया कि भारत पताका हधकरघा योजना के अन्तर्गत भारत की तिहाड जेल समेत अनेक जेलों मे बन्दीयो के पुनर्वास हेतु यह हधकरघा के लूम लगाये जा रहे हैं, और जो भी बन्दी इन हधकरघा लुम पर काम करना चाहते हैं उन्है उचित प्रशिक्षण दे कर कार्य दीया जाता है और उनके द्रारा बनाये माल की बिक्री की जिम्मेदारी ले कर उनको निर्धारित दरों पर मजूरी दी जाती है जो कि उनके परिवार से जुडे बैंक खाते मे सीधे जमा करा दी जाती है! यानि ये बन्दी अपने पूर्व के कीये हुये गलत कार्यो का प्रायश्चित लेते हुये अपने परिवार के भरण पोषण का कार्य भी यहीं से करते हैं !
पूर्व IPS शैलजाकान्त मिश्रा ने कहा कि मेरी 35 साल की नौकरी लोगो को जेल मे भेजने मे गयी, लेकिन आज इस प्रगल्भ से जुड अब लग रहा है कि यह सही कार्य है! महापौर श्री नवीन जैन जी ने कहा कि हमे बन्दीग्रह न कह, इन जेल को सुधार ग्रह कहना चाहीये, व बन्दीयो के नव जीवन की इसी प्रकार व्यवस्था करने की आवश्यक्ता है!
मुनी श्री वीर सागर ने कहा कि जिस गाधी के चरखे को अंग्रेजो ने हटा दीया था, आज गाधी जयन्ती के दिन उस चरखे को पुन: लाकर हमारे आचार्य भगवन्त ने बन्दीयो को स्वावलंबी बनाने की बडी क्रपा की है! मुनी श्री ने सभी कैदीयो को आजीवन शाकाहार अपननाने का नियम दीये! ज्येष्ठ मुनी अर्हं योग एवं ध्यान के प्रणेता मुनी श्री प्रणम्यसागर जी ने कहा कि इन्सान की तीन जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान, उन मे से जो भी बन्दी कपडा बनाने के कार्य से जुड़ रहे हैं उनकी रोटी और मकान की तो व्यवस्था अपने आप ही हो जायेगी! उन्होंने बन्दीयो से कहा कि जब तक जेल मे रहते हैं तब तक तीन नियम और लें, पहला ब्रह्मचर्य, दूसरा रात्री भोजन त्याग व तीसरा शाकाहार का तो सभी ने लीया ही है! मुनी श्री के शब्दो से बन्दीगण इतने प्रभावित हुये कि सभीने ये तीन नियम स्वेच्छा से लीये! मुनी श्री ने सभी को पंचमुद्रा योग का व ध्यान का अभ्यास कराया!
कार्यक्रम मे विशेष सहयोग वरिष्ठ जेल अधीक्षक श्री वी के सिंह, जेल अधीक्षक श्री एस पी मिश्रा, सह जेल अधीक्षक श्री आलोक सिंह का रहा व आगरा जैन समाज के राजकुमार जैन राजू, अनन्त जैन, मदनलाल बैनाडा, पन्नालाल बैनाडा, सुनील जैन सिंघई, अशोक जैन एडवोकेट, हरिश्चन्द्र जैन,अनिल आदर्श जैन, मनीश जैन, विमल जैन, विवेक जैन, राजेश जैन, अंकेश जैन, समेत अनेक लोग पहुंचे ! कार्यक्रम का कुशल संचालन मनोज कुमार जैन कमलानगर व सहयोग सचिन जैन ने कीया!