श्री सुयोग संघ को पनरुट्टी से निकलने के बाद कड्डलोर से 2.5 km. पहले एक बड़ी तीर्थंकर श्री आदिनाथ प्रतिमा का दर्शन हुआ। बताते है वह 1000+ वर्ष प्राचीन प्रतिमा है। यहां के जैनेत्तर लोगों की इनके प्रति आस्था है वे अपने उत्सव से पहले एक बार इनको पूजा-आरती आदि करके फिर शुरू करते है। पहले तो भगवान पर कपड़ा भी डालते थे लेकिन अब नही डालते। माह में केवल 2 बार अभिषेक होता है वो भी साफ-सफाई के लिए। कहते यह प्रतिमा बहकर आयी थी और फिर यही स्थापित हो गयी। आज संघ के सान्निध्य में जल अभिषेक और शांतिधारा की गई।
हर साधु का आशीर्वाद लें और चातुर्मासों में ‘तीर्थ सुरक्षा कलश’...
21 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण षष्ठी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की महाराष्ट्र अंचल की बैठक...