वर्तमान में विराजित सन्तो में सबसे वरिष्ठ ज्येष्ठ महासन्त,षटरस त्यागी व आजीवन अन्न त्यागी,अथाह ज्ञानकोष धारी महातपोनिधि पूज्यपाद स्थिवराचार्य श्री सम्भवसागर जी महायतिराज के 82वे जन्म दिवस पर कोटिशः नमन
शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर जी मे विद्यमान आचार्य भगवन्त आप जैन दर्शन अलौकिक सूर्य हो
आप दीर्घायु होवे धर्म की ऐसी ही महान प्रभावना व अपने दीक्षा शिक्षा गुरु तीर्थभक्त शिरोमणि आचार्य श्री महावीरकीर्ति जी भगवन्त,गुरु सम अग्रज वात्सल्यरत्नाकर आचार्य श्री विमल सागर जी भगवन्त व गुरु भाई तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी भगवन्त के गौरव को बढ़ाते हुए मोक्ष लक्ष्मी को प्राप्त करे ऐसी मंगलकामना
है प्रभु शीघ्र ही ये करोना काल समाप्त हो और हम सब शाश्वत तीर्थ के साथ आपके पवित्र चरणों की वन्दना दर्शन कर सके ऐसी जिनेंद्र प्रभु के चरणों मे मंगल कामना
ॐ ह्रुं आचार्य श्री सम्भवसागराय नमः
-शाह मधोक जैन चितरी