कुंडलपुर में आयुर्वेद पूर्णायु चिकित्सालय शुरू- अब तक 800+ मरीजों का इलाज- स्वर्ण प्रसान और रजत प्रसान सबसे ज्यादा कारगर

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6 मार्च/फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
दमोह,जैन सिद्ध तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में मरीजों का आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने के लिए पूर्णायु चिकित्सालय शुरू किया गया है। इनमें मरीजों की जांच तो निशुल्क की जा रही है, लेकिन दवाओं का पैसा लिया जा रह है। पंचकल्याणक महामहोत्सव के बाद से यह चिकित्सालय अब निरंतर चलेगा। यहां पर अब तक 8 सौ से ज्यादा मरीजों ने इलाज करा लिया है।

चिकित्सालय की खासियत यह है कि यहां पर पंचकर्म पद्धति से इलाज की सुविधा है, इसके अलावा 30 मरीज को भर्ती भी किया जा सकता है। इसमें महिला एवं पुरूष दोनों तरह के मरीज भर्ती हो सकते हैं।इसमें मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा आसपास के ग्रामीण अंचलों से आने वाले मरीजों को भी इलाज की सुविधा दी गई है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रिया जैन ने बताया कि चिकित्सालय निरंतर चालू रहेगी। अब यह बंद नहीं होगी।

यहां पर समय-समय पर बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टर आएंगे, जो आयुर्वेद पद्धति से मरीजों का इलाज करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूर्णायु में सबसे ज्यादा इलाज शल्य चिकित्सा पद्धति से चल रहा है।पाइल्स से संबंधी रोगों में इस विधि का उपयाेग किया जा रहा है। डॉ. अमोल डोगरे इसका इलाज जबलपुर में कर रहे हैं, आने वाले समय में उनके शिविर यहां पर भी होंगे। यहां का स्वर्ण प्रसान और रजत प्रसान सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है।

0 से 5 साल तक के बच्चों के लिए यह रामबाण है, जो पूर्णायु में ही तैयार किया गया है। यहां पर बता दें कि पंचकल्याणक महा महोत्सव के बीच कुंडलपुर में प्रतिभास्थली, गौशाला और पूर्णायु खोलने की बात कही गई थी। जिसमें पूर्णायु चिकित्सालय चालू हो चुकी है। जबकि गौशाला और प्रतिभा स्थली को लेकर काम चल रहा है। आने वाले समय में यह भी चालू हाेने वाली हैं।
– भास्कर से साभार