इन्दौर के एक सुप्रितिष्ठित सम्पन्न परिवार में जन्म लेने वाला एक युवक जिसकी उम्र महज 24 वर्ष है ,जिसने M.B.A. तक कि शिक्षा प्राप्त की…
तथा जो भौतिकता में रचा पचा था, विदेशों की यात्रा का शौक,लक्ज़री गाड़ियों में घूमने का शौक,महंगी घड़ी पहनने का शौक और भी तरह तरह के शौक थे जिसे…
लेकिन जब आचार्य भगवंत का इन्दौर प्रवास हुआ तो उस युवक को गुरु जी के दर्शन से ही वैराग्य हो गया और वह युवक भौतिकता की चकाचोंध को छोड़कर, मोक्षमार्ग पर आरूढ़ हुआ….
गुरु कृपा इतनी बरसी की तुरन्त ही आजीवन व्रत हुआ,निर्यापक श्रमण श्री समयसागर महाराज जी की छांव तले अध्ययन का सौभाग्य मिला
और कुंडलपुर की पावन धरा पर उस युवक को गुरु कर कमलों से क्षुल्लक दीक्षा प्राप्त हुई।
वह युवक और कोई नही 24 वर्षीय ब्र.मानस भैया है
जिनको गुरुमुख से क्षुल्लक सुदृढ़सागर जी नाम प्राप्त हुआ।
आपका वैराग्य हम सभी जीवों को।प्रेरणादायी बने,और आप सुदृढ़ भावों से मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ते जाये ऐसी हमारी भावना है….
पण्योदय विद्यासंघ