कुंडलपुर में उमड़ा दो लाख से अधिक लोगों का सैलाब — चारों ओर से सोने की बारिस….आचार्यश्री के पाद प्रच्छालन में आया 35 किलो सोना

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18 क्षुल्लक दीक्षा, 176 बालिकाओं ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत
आचार्यश्री ने छह मुनियों को निर्यापक बनाया

कुंडलपुर (दमोह)। मप्र के सबसे पवित्र दिगम्बर जैन तीर्थ कुंडलपुर में रविवार को उस समय नया इतिहास रच गया, जब 18 युवा ब्रह्मचारियों ने आचार्यश्री से क्षुल्लक दीक्षा लेकर घर का त्याग कर दिया। 176 युवतियों ने भी भगवान आदिनाथ की पुत्री ब्राह्मी और सुन्दरी बनकर आचार्यश्री से अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर संयम के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। आचार्यश्री ने आज अपने छह शिष्यों को निर्यापक मुनि बनाकर उनके पृथक संघ बनाने की घोषणा भी की। महोत्सव में आज तप कल्याणक के दिन दो लाख से अधिक लोग पहुंचे।

महोत्सव में सोना बरसा
तप कल्याणक के अवसर पर दिल्ली से आए दो व्यापारियों ने दो किलो सोना भेंट कर आचार्यश्री के पाद प्रच्छालन किये। इन दोनों व्यापारियों ने कल आचार्यश्री आहार कराने की खुशी में सवा नौ, सवा नौ किलो सोना कुंडलपुर के बड़े बाबा के मंदिर के शिखर के लिये भेंट किया। मंच संचालक अमित पडरिया ने शिखर पर 101 किलो चढ़ाने की बात कही तो पूरे पांडाल में चारों ओर से सोने की वर्षा होने लगी। सैकड़ों महिलाओं ने अपने गहने उतारकर बड़े बाबा के शिखर के लिये समर्पित कर दिये। बताया जाता है कि कल से आज तक लगभग 35 किलो एकत्रित हो चूका है।

धार्मिक अनुष्ठान, आदिकुमार को हुआ वैराग्य, आचार्यश्री ने दी दीक्षा
पंचकल्याणक महोत्सव में सुबह 6 बजे से ही प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के निर्देशन में धार्मिक अनुष्ठान शुरु हुआ। सुबह अभिषेक, शांतिधारा के साथ नित्य पूजन किया गया। इसके बाद आचार्यश्री की पूजन हुई। आचार्यश्री ने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग आये हैं। यहां बड़ी संख्या में देवगण भी बैठे हैं। यह देव अपनी विक्रिया ऋद्धि से ऐसी व्यवस्था करेंगे कि महोत्सव में सभी लोग समां जाएंगे।

छह निर्यापक मुनियों की घोषणा
आचार्यश्री ने दोपहर की सभा में छह मुनियों श्री समतासागर जी महाराज, श्री प्रशांतसागर जी महाराज, श्री प्रसादसागर जी महाराज, श्री अभयसागर जी महाराज, श्री संभवसागर जी महाराज, श्री वीरसागर जी महाराज को निर्यापक मुनि बनाते हुए इनके पृथक संघ बनाते हुए कहा कि यह सभी मुनि महाराज अपने अपने संघ का ठीक से संचालन करेंगे।

18 क्षुल्लक दीक्षायें
आचार्यश्री ने आज 18 युवा ब्रह्मचारियों को क्षुल्लक दीक्षा दी। पहली बार आचार्यश्री ने दीक्षा के मंत्र पढे और निर्यापक मुनिश्री समयसागर जी महाराज, मुनिश्री योगसागर जी महाराज, मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने दीक्षा के संस्कार किये। क्षुल्लक दीक्षा लेने वालों में ब्रह्मचारी राहुल भैया सागर, राजेश भैया सागर, भूपेन्द्र भैया ललितपुर, सुमित भैया गुना, मयूर भैया विदिशा, ईश्वरदास भैया महाराजपुर, सचिन भैया मुंगावली, मानस भैया इंदौर, सचिन भैया पुसद महाराष्ट्र, प्रांसुल जैन सतना, अविचल भैया गुना, राजा भैया खिमलासा, अमित भैया ललितपुर, मयूर भैया सुर्खी, अर्पित भैया फिरोजाबाद, चंदन भैया फिरोजपुर पंजाब, कार्तिक भैया दमोह, सौरभ भैया सागर शामिल हैं।

176 बालिकाओं ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत
कुंडलपुर में आज उस समय इतिहास रच गया जब एक साथ 176 बालिकाओं ने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से अजीव ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर मोक्ष मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। यह सभी बहनें उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इनमें से कई बहनों को पास तीन तीन चार चार डिग्रियां भी हैं। आचार्यश्री से व्रत लेने के बाद अब यह बहनें आर्यिका श्री आदर्शमति माता जी के संघ में रहकर प्रतिभा स्थली में शिक्षण कार्य करेंगीं। संभवतः यह सैकड़ों वर्षों बाद सुनने में आया है कि एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में बहनों ने ब्रह्मचर्य व्रत लिया हो।

रवीन्द्र जैन पत्रकार भोपाल
9425401800