सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए मुनि श्री के देवलोक गमन के बाद मुस्लिम युवक ने समाधि स्थल के लिए प्रदान की अपनी निशुल्क भूमि

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जैसा सभी जानते हैं सिंगोली नगर में शांत मूर्ति वात्सल्य रत्नाकर आचार्य भगवन् श्री 108 सन्मतिसागरजी महाराज (दक्षिण) के परम प्रभावी शिष्य बालयति निर्यापकश्रमण श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के संघस्थ मुनि श्री शांति सागर जी महाराज कुछ दिन पहले झांतला से विहार कर आए थे। 20 जनवरी की रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और रात्रि 11.45 बजे देवलोक गमन हो गया।

सारे समाज में शोक की लहर छा गई और फिर 21 जनवरी की सुबह सैकड़ों समाज जनों की उपस्थिति में नगर में वरघोड़ा निकला।

और शायद यह किसी को नहीं मालूम कि उनकी समाधि के लिए, जो जमीन दी गई ,वह एक मुस्लिम युवक ने दी और वह भी निशुल्क, जिन्होंने सामाजिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश कर दी । उन्होंने नीमच रोड स्थित राजस्थान के मेघ निवास ग्राम में अपनी निजी भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई।

वे सिंगोली नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन अशरफ मेव हैं। चैनल महालक्ष्मी उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देता है ।

जब समाज उचित जगह ढूंढ रहा था, तब उन्होंने सामाजिक सौहार्द दिखाते हुए अपनी निजी भूमि संत के अंतिम संस्कार और समाधि स्थल के लिए प्रदान कर दी।