क्या झारखण्ड में भाजपा द्वारा सत्ता में आते ही शिखर जी पर भी कब्जा किया जाएगा… जैसे “गिरनार महा तीर्थ” पर हुआ

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भाजपा विधायक दल के नेता ने शिखर जी के पहाड़ पर एक नए “गैर जैन” मंदिर की आधारशिला रखी… अहिंसा की ‎ ‎ भूमि सम्मेद शिखर में पारसनाथ‎ भारतीय जनता पार्टी द्वारा‎ आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण‎ वर्ग सोमवार को सम्पन्न हुआ।, प्रशिक्षण वर्ग की समाप्ति व‎ अंतिम सत्र में बाबूलाल मरांडी ने‎ केंद्र सरकार की विकास‎ योजनाओं का बखान के साथ‎ राज्य की स्थिति पर प्रकाश डाला।‎ ‎

आदिवासियों का पूजा स्थल जो‎ पारसनाथ पर्वत की तलहटी में‎ स्थित है, उस मांझी थान को पूज्य‎‎ स्थल के रूप में भव्य मन्दिर‎ निर्माण का आधारशिला बाबूलाल‎ मरांडी ने रखा। ‎यह शिलान्यास क्षेत्रपाल मंदिर के आगे स्थानीय संथाल लोगो के लिए किया गया

इस दौरान धर्म पुजारियों को‎ सम्मानित किया गया। मांझी हड़ाम तथा पुजारी को अंगवस्त्र भेंट कर व पुष्प‎ गुच्छ देकर सम्मानित किया गया पर निर्भय कुमार शाहाबादी, अशोक‎ उपाध्याय, दिनेश यादव, सुरेश साव, श्याम प्रसाद, केदार हाजरा, नागेंद्र‎ महतो समेत भारी संख्या में भाजपाई उपस्थित थे।‎

इस से पूर्व 2015 और 2017 में भी पूर्व मुख्य मंत्री जैनों के इस पावन तीर्थ को स्थानीय लोगो का बतलाकर अपनी वोटों की राजनीति कर चुके हैं! जैन समाज का यह सबसे प्रमुख तथा अनादि निधन तीर्थ है, जिस पर इस तरह की बाते जैन समाज कभी बर्दाश्त नहीं कर पायेगा! केंद्र तथा राज्य सरकार का यह प्रथम कर्त्तव्य है कि इस ऐतिहासिक शाश्वत तीर्थ से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए ! ‎ ‎