जब संतान आती है तो घर को पावन, पवित्र होना चाहिए, घर की थाली बदलनी चाहिए, चित्र ही नही चरित्र भी बदलना चाहिए: मुनिपुंगव सुधा सागरजी

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भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक पर भव्य शोभायात्रा अयोध्या नगरी में बधाइयां, भक्ति नृत्य का आयोजन, प्रसाद के रूप में लड्डू बांटे

गुरुवार को भगवान आदिनाथ का जन्म कल्याणक मनाया । भगवान आदि कुमार के जन्म पर ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली । इसमें हाथी, घोडे़, बग्घि और उदयपुर का सेमारी बैंड आकर्षण का केंद्र रहगा। भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याण महोत्सव पर हजारों पैकेट लड्डू के प्रसाद के रूप में बांटे ।

आदिनाथ दिगंबर जैन चंद्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेड़ी खानपुर में आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य संत मुनि पुंगव सुधासागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महा महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को गर्भ कल्याणक उत्तरार्ध मनाया गया। गर्भ कल्याणक महोत्सव पर श्री आदिनाथ भगवान के माता पुष्पा जैन, पिता प्रकाश जैन की गोद भराई करवाकर अभिषेक कर दरबार सजाकर धूम धाम से मनाया गया। गोद भराई कार्यक्रम में हजारों श्रावक उमड़ पड़े। एनअारअाई अरूण, शीतल व शीला पाटनी को शांतिधारा का साैभाग्य प्राप्त हुआ।

आदि कुमार के गर्भ में आने पर माता ने सोलह स्वप्न देखे। माता को इन सोलह स्वप्न का कारण समझ में नहीं आया तो उन्होंने पति राजा नाभिराय से सोलह स्वप्न के बारे में पूछा तो नाभिराय ने बताया कि उनके गर्भ में स्वयं प्रभु आए हैं और उनके बालक भगवान आदिनाथ बनेंगे। इस दौरान भगवान के गर्भ में आने की खुशियां मनाई गई। संगीतमय धार्मिक भजनों पर श्रद्धालुओं अष्ट कुमारियों ने आदि ने खूब नृत्य किया। इस दौरान छप्पन कुमारियों द्वारा भेंट समर्पण, सेवा नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई।

मुनिपुंगव सुधा सागरजी ने मंगल प्रवचन में कहा कि मां बनना पूर्व पूज्यता का काम है, मां बनने पर स्त्री पवित्र व पूज्य हो जाती है। आदर्श नारी पत्नी के साथ मां बनने के लिए विवाह करती है, पत्नी बनना सामाजिक व्यवस्था है, लेकिन मां बनना पूज्यता है। जब महान आत्मा आती है, जन्म लेती है तो शुभ संदेश देती है। जब घर मे महमान आता है तो घर को व्यवस्थित करते है जब संतान आती है तो घर को पावन, पवित्र होना चाहिए, घर की थाली बदलनी चाहिए, चरित्र ही नही चित्र भी बदलना चाहिए। भगवान श्रीराम के जन्म से पहले पूरी अयोध्या का स्वरूप बदल गया था।

पूजन के दौरान संगीत पार्टी के गायक कलाकारों और समाज के स्थानीय गायक कलाकारों ने एक से बढ़कर जैन भजनों की प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान “झीणी-झीणी उड़े रे गुलाल’, “चालो रे मंदरिया’, “उड़ती पुरवइयां संदेशों लेती जाइयो रे’, “पारस प्यारा लागा, चंवलेश्वर प्यारा लागो’ व “मैंने तेरे ही भरोसे आदिनाथ में नैया डार दई’जैसे भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूजन के बाद संगीतमय स्वरों से जिनेंद्र देव की मंगल आरती उतारी गई।
– दैनिक भास्कर से साभार