जीवनचर्या सही कर लें तो कोरोना से भी बचेंगे और वैक्सीन से भी’_ अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी

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जीवनचर्या सही कर लें तो कोरोना से भी बचेंगे और वैक्सीन से भी’_ अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी
जब तक कोरोना की वैक्सीन नही थी तब तक वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे थे। अब जब वैक्सीन आ गई है तो बहुत लोग लगवाने का मन बना रहे हे है और कई लोग अभी भी सोच रहे हैं कि लगवाएं या नही लगवाएं। नहीं लगवाने का कारण भी है कि जिस कंपनी ने दवाई बनाई है वह कह रही है कि यह 95℅ तक सफल है। अभी जिन्होंने लगाई है वो परीक्षण के रूप में ही लगवा रहे हैं और उनमें कई लोगों के साइड इफेक्ट की बात सामने आ रही है। सरकार ने भी कहा है कि जो वैक्सीन लगवाना चाहे वह लगवाए जो नहीं लगवाना चाहे वो नहीं लगवाए ।
वैक्सीन नहीं थी तो उसका इंतजार था। अब है तो लगवाने में डर लग रहा है। इसे ही कहते हैं एक डर के बाद दूसरा डर प्रारंभ होना। यह संसार ऐसा ही है। एक के बाद दूसरा दुख आता ही है। अब हम सब कन्फ्यूजन में पड़ गए है कि कोरोना वैक्सीन लगवाएं या नहीं? कोई यह सोच रहा है एक बार अधिकांश लोगों को लग जाए फिर लगवाएंगे । पहले कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया गया अब वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करना होगा। लोगो को भी अब समझना होगा कि वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन नही लगवानी है और कोरोना से बचना भी है तो समझदारी से अपने जीवन की चर्या बना लें। कैसे उठना-बैठना, खाना-पीना, रहना करना है उसे समझ लें तो कोरोना भी नही होगा और वैक्सीन भी नहीं लगवानी होगी।
धर्म शास्त्रों में तो अनादि काल से बीमारियों से बचने के उपाय बताए हैं। हम उन्हें नही पढ़ पा रहे हैं तो कम से कम अभी सरकार ने जो कोरोना से बचने की गाइडलाइंस जारी की हैं उसका 100% पालन करें। यह तो तय है जब शरीर में कोई केमिकल जाएगा तो वह कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट अवश्य ही करेगा, इसलिए डर से निकलने के लिए सावधानी ही जरूरी है।