पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव : अशोक विहार वेदी में नवप्रतिष्ठित जिनबिम्ब विराजमान किये तथा उत्तुंग शिखर पर कलशारोहण व ध्वजारोहण

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प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के प्रभावशाली प्रेरणा, कुशल निर्देशन व पावन सान्निध्य में राजधानी दिल्ली की धर्मनगरी अशोक विहार फेज-2 स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर के जीर्णोद्धार व सौन्दर्यकरण के पश्चात् श्री 1008 श्रीमज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ का भव्य आयोजन दिनांक 27 नवम्बर 2021 से 02 दिसम्बर 2021 तक सानंद संपन्न हुआ| कार्यक्रम में क्षुल्लक श्री 105 योग भूषण जी महाराज ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से सभी को लाभान्वित किया|

समस्त मांगलिक क्रियाएं डॉ. श्रेयांस कुमार जैन (बड़ौत) व ब्र. जय कुमार जैन ‘निशांत’ (टीकमगढ़) के निर्देशन में तथा पं. मनीष जैन ‘संजू’ (टीकमगढ़) व पं. अरविन्द जैन (रुड़की) के प्रतिष्ठाचार्यत्व में विधि-विधान पूर्वक संपन्न हुईं| पूज्य आचार्य श्री की प्रेरणा के अनुरूप मंदिर परिसर की विशुद्धि बढ़ाने के उद्देश्य से तथा कार्यक्रमों में होने वाले अपव्यय को बचाने के लिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्बन्धी सभी क्रियाएं श्री मंदिर जी में ही आयोजित की गयी| अपने स्वर संगीत से सिद्धार्थ अम्बर एन्ड पार्टी (भोपाल) ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया|

इससे पूर्व दिनांक 26 नवम्बर 2021 को प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य पात्रों का स्वागत-सम्मान समारोह बबिता जैन झांझरी (रोहिणी) के मधुर संगीत लहरियों के साथ भव्य आयोजन किया गया| दिनांक 27 नवम्बर 2021 को घटयात्रा के बाद श्री नानक चंद जैन सपरिवार (अध्यक्ष) द्वारा ध्वजारोहण तत्पश्चात गर्भ कल्याणक (पूर्व रूप) तथा दिनांक 28 नवम्बर 2021 को गर्भ कल्याणक (उत्तर रूप) की क्रियाएं संपन्न हुईं|

दिनांक 29 नवम्बर 2021 को जन्म कल्याणक के अवसर पर सौधर्म इंद्र द्वारा भव्य शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों पर निकाली गयी| तत्पश्चात पांडुकशिला पर जन्माभिषेक किया गया तथा शचि इन्द्राणी द्वारा बालक तीर्थंकर का श्रृंगार कर माता को सौंपा| रात्रि में बाल क्रीड़ा तथा पालना झुलाने का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया| दिनांक 30 नवम्बर 2021 को तप कल्याणक के अवसर पर पूज्य आचार्य श्री के कर-कमलों से राजकुमार आदिनाथ को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान कर महामुनि ऋषभनाथ जी नामकरण कर अंकन्यास व संस्कारोपण विधि संपन्न हुई|

दिनांक 01 दिसम्बर 2021 को महामुनि की आहारचर्या संपन्न हुईं तत्पश्चात सौधर्म इंद्र की आज्ञा से कुबेर इंद्र द्वारा भव्य समवशरण की रचना की गयी| समवशरण में गणधर के रूप में विराजमान पूज्य आचार्य श्री ससंघ ने जिज्ञासुओं की शंकाओं का समाधान किया|

इस अवसर पर आचार्य श्री के पिच्छी परिवर्तन समारोह का आयोजन भी किया गया जिसमें श्री वीरेंद्र जैन अनीता जैन (अशोक विहार), श्री सुरेंद्र जैन रीता जैन (अशोक विहार) तथा श्रीमती रेखा जैन (पीतमपुरा) सपरिवार ने संयुक्त रूप से नवीन पिच्छी भेंट की तथा आचार्य श्री ने अपनी पुरानी पिच्छी श्री रमेश जैन मंजू जैन सपरिवार (अशोक विहार) को प्रदान कर धन्य किया| दिनांक 02 दिसम्बर 2021 को निर्वाण कल्याणक आयोजित किया गया तत्पश्चात वेदी में नवप्रतिष्ठित जिनबिम्ब विराजमान किये गए तथा उत्तुंग शिखर पर कलशारोहण व ध्वजारोहण किया गया|
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